लोकसभा चुनाव 2024: ममता बनर्जी पर विवादित टिप्पणी कर बुरे फंसे बीजेपी नेता, चुनाव आयोग ने लिया कड़ा एक्शन, कैंपेन पर लगाई रोक
- बीजेपी प्रत्याशी को ममता बनर्जी पर बयान देना पड़ा भारी
- चुनाव आयोग ने लिया एक्शन
- प्रचार पर 24 घंटे के लिए लगाई रोक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व जज और बंगाल की तामलुक सीट से बीजेपी उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय पर चुनाव आयोग की गाज गिरी है। आयोग ने उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोक दिया है। दरअसल, चुनाव आयोग ने बीजेपी नेता के खिलाफ यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के मामले में की है। आयोग ने बीजेपी नेता के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि गंगोपाध्याय पर अगले 24 घंटे के लिए चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे। आयोग की यह पाबंदी आज शाम बजे से शुरू होकर कल शाम 5 बजे तक चलेगी।
क्या था बयान?
15 मई को हल्दिया में आयोजित एक चुनावी सभा में अभिजीत गंगोपाध्याय ने ममता बनर्जी को लेकर आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग किया था। बीजेपी उम्मीदवार ने अपने संबोधन में कहा था, 'टीएमसी का कहना है कि रेखा पात्रा (बीजेपी की संदेशखाली से उम्मीदवार) को दो हजार रुपये में खरीदा गया है। तो ममता बनर्जी आप कितने में बिक रही हैं ? अगर आपको 10 लाख रुपय मिलते हैं तो आप एक नौकरी देती हैं। राशन दूसरे देश ले जाया जाता है। तो क्या आपका रेट 10 लाख रुपये है? क्या रेखा पात्रा को खरीदना आसान है, क्योंकि वो गरीब है? अभिजीत ने आगे सवाल किया कि एक महिला दूसरी महिला पर ऐसे आरोप कैसे लगा सकती है। क्या वा (ममता बनर्जी) भी एक महिला हैं।'
टीएमसी ने आयोग से की थी शिकायत
अभिजीत गंगोपाध्याय की ममता बनर्जी पर की गई इस टिप्पणी पर टीएमसी ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। पार्टी ने एक्स पोस्ट के जरिए अभिजीत को घोर नारी विरोधी बताया था। टीएमसी ने अपनी पोस्ट में लिखा था, 'अभिजीत गंगोपाध्याय ने भारत की एकमात्र महिला सीएम ममता बनर्जी पर कथित कीमत लगाने की कोशिश कर शालीनता की सीमाओं को पार कर दिया है। यह न केवल ममता बनर्जी, बल्कि पूरे पश्चिम बंगाल की महिलाओं का अपमान है। बंगाल में इस तरह के घोर महिला विरोधियों की कोई जगह नहीं है और महिला विरोधियों को बंगाल की माताएं और बहनें कभी बर्दाश्त नहीं करेंगी। हम उनकी टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं और चुनाव आयोग से इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं।'
क्या थी चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया?
चुनाव आयोग ने 17 मई को इस वीडियो पर संज्ञान लिया था और गंगोपाध्याय के बयान गलत बताया था। आयोग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसका जवाब सोमवार को गंगोपाध्याय ने दिया था। आयोग ने उनके जबाव को सुनने के बाद उनके विवादित बयान को दोबारा सुना और इस नतीजे पर पहुंचा कि बीजेपी उम्मीदवार ने ममता बनर्जी पर निचले स्तर की व्यक्तिगत टिप्पणी की थी। इसका साथ ही आयोग ने यह भी कहा कि उनका बयान यह दिखाता है कि देश में महिलाओं क्या स्तर रह गया है। उनके इस बयान से बंगाल का अपमान हुआ है।
आयोग ने बीजेपी अध्यक्ष को दी सलाह
आयोग ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी सलाह दी है कि वह अपनी पार्टी की तरफ से सभी प्रत्याशियों और चुनाव प्रचारकों को एक एडवाइजरी जारी करें। जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनाव अभियान में इस तरह की चूक दोबारा ना हो। बता दें कि अभिजीत गंगोपाध्याय ने 5 मार्च को कलकत्ता हाई कोर्ट के जज के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके दो दिन बाद ही 7 मार्च को उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। बीजेपी ने उन्हें बंगाल की तामलुक सीट से उम्मीदवार बनाया है। टीएमसी के दिब्येंदु अधिकारी यहां के मौजूदा सांसद हैं। इस बार टीएमसी ने यहां से पार्टी के युवा तुर्क और 'खेला होबे' नारा के रचयिता देबांग्शु भट्टाचार्य को अपना उम्मीदवार बनाया है। तामलुक सीट पर लोकसभा चुनाव के छठवे चरण यानी 25 मई को मतदान होगा।
Created On :   21 May 2024 12:26 PM GMT