राजे को क्या मिलेगा?: शिवराज सिंह चौहान और रमन सिंह को बीजेपी ने किया सेट, अब वसुंधरा की बारी, राजे के लिए बीजेपी के पास लोकसभा से जुड़ा प्लान!
- दक्षिण राज्य में शिवराज को पार्टी को मजबूत करने को मिली जिम्मेदारी
- वसुंधरा राजे का हाथ अभी भी खाली
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में हिंदी बेल्ट के तीन राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान) में विधानसभा के चुनाव सम्पन्न हुए। इन तीनों प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत मिली है। जीत हासिल होने बाद से ही बीजेपी गदगद नजर आ रही है। इन तीनों राज्यों में पार्टी पुराने चेहरे को बदलकर नए चेहरे को सामने लेकर आई है। चार बार के सीएम रहे शिवराज सिंह को एमपी के मुखिया पद से हटाकर तीन बार से दक्षिण उज्जैन से पार्टी विधायक मोहन यादव को प्रदेश की कमान सौंप दी है। जबकि छत्तीसगढ़ में रमन सिंह को हटाकर आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को आगे कर दिया है। वहीं राजस्थान में दो बार की सीएम रहीं वसुंधरा को किनारे करके बीजेपी ने भजनलाल शर्मा को प्रदेश का बागडोर संभालने का जिम्मा दे दिया है।
साल 2003 के विधानसभा चुनाव के बाद रमन सिंह और वसुंधरा राजे ने लगभग एक ही समय में छत्तीसगढ़ और राजस्थान की कमान संभाली थी। जबकि शिवराज सिंह चौहान के हाथ में साल 2005 में एमपी की सत्ता आई थी। वहीं साल 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान से ही सियासी गलियारों में इन तीनों दिग्गज नेताओं को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी कि इन नेताओं को पार्टी एक बार फिर मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी। जिसका चुनाव प्रचार के दौरान ही संकेत मिल गए थे। हालांकि, शिवराज सिंह चौहान और रमन सिंह को आलाकमान ने एडजस्ट कर दिया है।
बीजेपी ने शिवराज और रमन को किया एडजस्ट
दरअसल, तीन बार के सीएम रहे रमन सिंह को शीर्ष नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ विधानसभा का अध्यक्ष बना दिया है। जबकि शिवराज को दक्षिण के राज्यों में पार्टी को मजबूत करने का दायित्व दे दिया है। हाल ही में शिवराज सिंह चौहान दिल्ली पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। खबरें ऐसी थी कि शिवराज पार्टी नेृतत्व से खुश नहीं हैं। हालांकि, मीडिया में तमाम तरह की खबरों को शिवराज ने सिरे से नकारते हुए कहा था कि, पार्टी उन्हें जो काम देगी वो करेंगे क्योंकि वो भाजपा के साधरण कार्यकर्ता हैं उन्हें किसी पद को लेकर कोई लालच नहीं है। हाल ही में नड्डा से राजधानी में मुलाकात के बाद शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से कहा था कि, आलाकमान ने विजय संकल्प यात्रा का दायित्व का कार्यभार मुझे सौंपा है। मुझे जिम्मेदारी मिली है कि मैं दक्षिण भारत में पार्टी को मजबूत करूं।
फिलहाल वसुंधरा के पास राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद
छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और शिवराज सिंह चौहान को चुनाव के बाद पार्टी ने कहीं न कहीं एडजस्ट कर ही दिया है लेकिन अभी भी बीजेपी की दिग्गज नेता और राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को अहम जिम्मेदारी देना बाकी है। बता दें कि, फिलहाल वसुंधरा राजे के पास पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद है। इसके अलावा उनके पास कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं है।
केंद्र में मिलेगी जिम्मेदारी?
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, हो सकता है कि आलाकमान राजे को केंद्र में को ई बड़ी जिम्मेदारी दे दें। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जब वसुंधरा राजस्थान की सीएम नहीं थी तब उन्हें अटल बिहारी जी की सरकार में केंद्र में मंत्री बनाया गया था हो सकता है कि शीर्ष नेतृत्व वहीं करें। इसका दूसरा पहलु ये भी है कि आम चुनाव में महज चार से पांच महीने ही बचे हैं। हो सकता है कि पार्टी उन्हें आगामी लोकसभा में उनकी ही पुरानी सीट बारां-झालावाड़ से चुनावी मैदान में उतार दें। फिलहाल इस सीट से राजे के बेटे दुष्यंत सिंह सांसद हैं।
Created On :   21 Dec 2023 4:19 PM IST