जातीय जनगणना: बिहार की जातीय जनगणना घोषित, जानिए कौन सी जाति की कितनी है आबादी?
- बिहार की जातीय जनगणना घोषित
- बिहार सरकारन ने गांधी जयंती के खास मौके पर किया एलान
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में हुई जाति आधारित गणना की रिपोर्ट सोमवार यानी 2 अक्टूबर को जारी कर दी गई। गांधी जयंती के खास मौके पर बिहार सरकार ने ये घोषणा की है। प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव अमीर सुबहानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी की है। हाल ही में जाति आधारित गणना को लेकर बिहार में काफी बवाल मचा था। हाई कोर्ट से लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। लेकिन अब बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए जातीय जनगणना को सार्वजनिक कर दिया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने बताया, बिहार में पिछड़ा वर्ग 27.13 फीसदी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52%, अनुसूचित जाति 19.65 फीसदी और अनुसूचित जनजाति 1.68 फीसदी हैं। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि, बिहार की मौजूदा आबादी 13 करोड़ से अधिक है। इसके अलावा मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि एक जून 2022 को सर्वदलीय बैठक में बिहार में जाति आधारित गणना कराने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया था। इसके बाद दो जून 2022 को राज्य मंत्री परिषद द्वारा दिए गए निर्णय के आधार पर राज्य में जाति आधारित गणना को दो चरणों में फरवरी 2023 तक संपन्न करने का निर्णय लिया गया था।
बिहार में जातीय जनगणना का गणित
वर्ग | आबादी (फीसदी) |
अत्यंत पिछड़ा वर्ग | 4,70,80,514 (36.01%) |
पिछड़ा वर्ग | 3,54,63936 (27.13%) |
अनुसूचित जनजाति | 2,56,89,820 (19.65%) |
अनुसूचित जाति | 21,99,36 (1.68%) |
सामान्य वर्ग | 2,02,91,679 (15.52%) |
बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ के पार
बिहार में हुई जातीय जनगणना के अनुसार, बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है। इसमें से बिहार से बाहर रहने वालों की संख्या 53 लाख 72 हजार 22 है। जबकि बिहार राज्य में रहने वालों की कुल जनसंख्या 12 करोड़ 53 लाख 53 हजार 288 पाई गई है। इस संख्या में पुरुषों की आबादी 6 करोड़ 41 लाख 31 हजार 990 है जबकि महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख 38 हजार 460 है। जबकि अन्य की संख्या 82 हजार 836 है। जातीय जनगणना के मुताबिक, 1000 पुरुषों पर 953 महिलाएं हैं। बिहार सरकार ने बताया कि इस जनगणना के लिए प्रदेश के कुल दो करोड़ 83 लाख 44 हजार 107 परिवारों की जनगणना की गई है।
धर्म के नाम पर जातीय आकंड़ा
धर्म | आबादी | फीसदी |
हिंदू | 107192958 | 81.99% |
इस्लाम | 23149925 | 17.70% |
ईसाई | 75238 | 0.05% |
सिख | 14753 | 0.011% |
बौद्ध | 111201 | 0.0851% |
जैन | 12523 | 0.0096% |
अन्य धर्म | 166566 | 0.1274% |
कोई धर्म नहीं | 2146 | 0.0016% |
बिहार सरकार ने क्या कहा?
नीतीश सरकार का कहना है कि, जातीय जनगणना कराने का उद्देश्य राज्य में जातियों की संख्या और उनकी आर्थिक स्थिति का पता लगाने के लिए कराई गई है। बिहार सरकार के मुताबिक, इससे आरक्षण के लिए प्रावधान करने और विभिन्न योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन में मदद मिलेगी।
नीतीश ने दी बधाई
जातीय जनगणना को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पूरी टीम को बधाई दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, "आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई !"
Created On :   2 Oct 2023 7:59 AM GMT