यूपी विधानसभा उपचुनाव 2025: अजीत प्रसाद ने मिल्कीपुर सीट से उपचुनाव के लिए भरा नामांकन पर्चा, किया बड़े अंतर से चुनाव जीतने का दावा
- 5 फरवरी को मिल्कीपुर सीट पर होंगे उपचुनाव
- 8 फरवरी को आएंगे विधानसभा चुनाव के नतीजे
- मिल्कीपुर सीट पर सपा और बीजेपी के बीच टक्कर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मिल्कीपुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अजीत प्रसाद ने बुधवार को उपचुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन पर्चा भरने के बाद अजीत प्रसाद ने मीडिया से कहा, "मैंने आज यहां नामांकन किया है। हम लोगों की पूरी तैयारी है और हम मिल्कीपुर उपचुनाव बहुत बड़े अंतर से जीतने वाले हैं। जनता-जनार्दन अखिलेश यादव के साथ है। मुझे जानकारी मिली है कि भाजपा ने किसी बाहरी व्यक्ति को मिल्कीपुर उपचुनाव का प्रत्याशी बनाया है। मैं सभी के सुख-दुख में खड़ा रहता हूं।"
बता दें कि, बीजेपी ने यहां से चंद्रभान पासवान को टिकट दिया है। इस सीट पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच सीधी टक्कर है। सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद फैजाबाद (अयोध्या) से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे हैं। पहले अवधेश प्रसाद ही मिल्कीपुर सीट से विधायक थे। लेकिन, पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान वह फैजाबाद सीट से सांसद बने। जिसके बाद उन्हें मिल्कीपुर से विधायकी छोड़नी पड़ी। सपा ने अब अवधेश प्रसाद के बेटे को मिल्कीपुर सीट से टिकट दिया है।
समझें समीकरण
कांग्रेस पार्टी ने यहां से सपा प्रत्याशी को अपना समर्थन दिया है। वहीं, मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी ने उपचुनाव लड़ने का फैसला नहीं किया है। ऐसे में बीजेपी और सपा के बीच यह आमने-सामने की लड़ाई है। मिल्कीपुर उपचुनाव बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। बीजेपी यह सीट जीतकर लोकसभा चुनाव में अयोध्या की हार का बदला लेना चाहती है। इधर, अखिलेश यादव पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) का मुद्दा उठा रहे हैं। बता दें कि, अवधेश प्रसाद की तरह चंद्रभान पासवान भी अनुसूचित जाति से आते हैं। ऐसे में मुकाबला टक्कर की होने की संभावना जताई जा रही है।
कैसे फिट बैठें चंद्रभान पासवान
बीजेपी उम्मीदवार चंद्रभान पासवान रुदौली से दो बार जिला पंचायत सदस्य रहे हैं। इस वक्त उनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य हैं। चंद्रभान पासवान का पूरा परिवार साड़ी के बिजनेस में सक्रिय हैं। साथ ही, वे रुदौली में भी साड़ी का कारोबार करते हैं। बीते दो साल से मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर वह राजनीति में सक्रिय है। मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए 17 जनवरी से नामांकन भरा जाएगा। यहां 5 फरवरी को वोटिंग होगी। जिसके नतीजे 8 फरवरी को आएंगे।
मिल्कीपुर का जातीय समीकरण
मिल्कीपुर सीट से कुल 3 लाख 58 हजार से अधिक मतदाता है। जिसमें सबसे अधिक अनुसूचित जाति और फिर पिछड़े वर्ग के वोटर हैं। यहां अनुसूचित वर्ग में पासी समाज और ओबीसी समाज में यादव सबसे प्रभावी हैं। साल 2022 में यहां से अवधेश प्रसाद चुनाव जीते थे। इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में अयोध्या (फैजाबाद) सीट जीतकर सांसद बनने के बाद उन्हें विधायक के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जिसके चलते अब यहां उपचुनाव हो रहे हैं।
बीजेपी ने सपा के समीकरण को देखते हुए मिल्कीपुर में दलित समाज के नेता को टिकट दिया है। यहां से ओबीसी और दलित वोटबैंक काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वहीं, पीडीए समीकरण का लाभ यहां पर सपा को मिलता है। बता दें कि, यहां करीब 1.25 लाख दलित मतदाता, 55 हजार से ज्यादा पासी बिरादरी के वोटर्स और 30 हजार से ज्यादा मुस्लिम वोटर्स हैं। वहीं, यादव वोटर्स 55 हजार से ज्यादा हैं।
वहीं, मिल्कीपुर में सवर्ण जातियों में ब्राह्मण मतदाता 60 हजार के करीब, क्षत्रियों 25 हजार और वैश्य मतदाताओं की संख्या 20 हजार हैं। वहीं, कोरी 20 हजार, चौरसिया 18 हजार हैं। पाल और मौर्य बिरादरी का संख्या भी ठीक ठाक बताई जाती है।
Created On :   15 Jan 2025 6:55 PM IST