एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के लिए सिरदर्द बने भतीजे अजीत पवार! 'मोदी सरकार' की फिर की तारीफ
- बागी होंगे अजीत पवार?
- नई संसद भवन समय की मांग- जूनियर पवार
- शरद पवार पर टिकी नजर
डिजिटल डेस्क, मुबंई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई (2023) को नए संसद भवन का उद्घाटन पूरे विधि विधान से किया था। इस शुभ अवसर पर केंद्र सरकार के तमाम मंत्री मौजूद रहे और इतिहास लिखे जाने के साक्षी बने थे। लेकिन इन सबसे इतर देश की कई प्रमुख पार्टियों ने पीएम के इनोग्रेशन करने की वजह से इसमें भाग नहीं लिए और उनका कहना था कि पीएम मोदी को नहीं बल्कि देश का सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए। जिसको देखते हुए कांग्रेस समेत 21 विपक्षी पार्टियों ने इसका बहिष्कार किया। इसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी भी मौजूद थी। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि, अच्छा हुआ मैं इस उद्घाटन में नहीं गया मुझे न जाकर बहुत खुशी हो रही है। अब उनके ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और भतीजे अजीत पवार ने नए संसद भवन को लेकर बड़ा बयान दिया है। जिसके बाद से एक बार फिर अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या एनसीपी के अंदर सब कुछ ठीक है।
एनसीपी नेता अजीत पवार ने मीडिया से नए संसद भवन को लेकर बातचीत की है। जिसमें उन्होंने नए संसद भवन को समय की जरूरत बताया है और कहा कि जनसंख्या को देखते हुए सरकार ने इसे लाने का काम किया है। इसमें सभी को भाग लेना चाहिए। अजीत पवार ने पुणे में पत्रकारों से खास बातचीत में कहा, "देश की जनसंख्या जो 135 करोड़ के पार जा रही है उसे ध्यान में रखते हुए उनका प्रतिनिधित्व करने वाले लोग भी बढ़ेंगे इसलिए मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि इस नए संसद भवन की जरूरत थी। अब इस नए भवन में, सभी को संविधान के अनुसार काम करना चाहिए और आम लोगों के मुद्दों को हल करना चाहिए, सभी को इसमें भाग लेना चाहिए।" जूनियर पवार के इस बयान के बाद सवाल उठने लगे हैं कि शरद पवार और पार्टी से अलग हटकर अजीत पवार ने ऐसा बयान क्यों दिया? कहीं अजीत पवार कोई बड़ा कदम तो उठाने वाले नहीं हैं।
शरद पवार ने क्या कहा था?
नए संसद भवन के उद्घाटन पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा था, "मैंने सुबह का आयोजन देखा। मुझे खुशी है कि मैं वहां नहीं गया। वहां जो कुछ हुआ उसे देखकर मैं चिंतित हूं। क्या हम देश को पीछे ले जा रहे हैं? क्या यह आयोजन सीमित लोगों के लिए ही था?" इसके अलावा शरद पवार की बेटी और लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले भी सवाल उठा चुकी हैं। उन्होंने देश में लोकतंत्र खत्म होने का दावा किया था। सुप्रीया ने कहा था कि, बिना विपक्ष की उपस्थिति के नए संसद भवन का उद्घाटन संपन्न नहीं हो सकता, इसका मतलब है कि देश में लोकतंत्र नहीं है। ये एक अधूरा कार्यक्रम है। अब सवाल उठाता है कि घर के लोगों ने इस आयोजन का जोरदार विरोध किया। लेकिन अजीत पवार नए संसद भवन को समय की मांग बता कर, सियासी गलियारों में पिछली बार की तरह ही इस बार भी सियासी सरगर्मी तेज कर दी हैं।
शरद पवार के जाल में फंसे अजीत पवार?
दरअसल, हाल ही में अजीत पवार को लेकर कुछ खबरें आई थी कि वो बीजेपी का दामन अपने समर्थकों के साथ थाम सकते हैं। जिसके बाद से ही सियासी गलियारों में ये चर्चाओं तेज हो गई थी। उसी बीच शरद पवार ने ये घोषणा कर दी थी कि वो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से इस्तीफा दे रहे हैं। जिसके बाद खूब बवाल मचा और महाराष्ट्र से दिल्ली तक की सियासत खूब गरमाई रही। शरद पवार के इस्तीफे को लेकर यहां तक कहा गया कि वो अजीत पवार को बीजेपी में जाने की अटकलों को सही साबित नहीं करना चाहते थे। थोड़ी ही देर सही लेकिन वो अपने पक्ष में माहौल बनना चाहते थे ताकि जूनियर पवार को भाजपा के रंग में रंगने से रोका जा सके।
Created On :   30 May 2023 4:10 AM GMT