विपक्ष पर हमला: किसान मुद्दे पर कृषि मंत्री शिवराज कांग्रेस पर यूपीए सरकार पर बरसे, राज्यसभा में पुराने समय को किया याद

किसान मुद्दे पर कृषि मंत्री शिवराज कांग्रेस पर यूपीए सरकार पर बरसे, राज्यसभा में पुराने समय को किया याद
  • कृषि मंत्री शिवराज ने विपक्षी पार्टियों पर हमला
  • पूर्व सीएम शिवराज राज्यसभा में पुराने समय को किया याद
  • पुराने रंग में दिखे शिवराज सिंह चौहान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में शुक्रवार को किसानों के मुद्दे पर अपनी बात कर रखी। साथ ही, कांग्रेस और यूपीए सरकार जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार करने से इंकार कर दिया था। राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान केंद्रीय मंत्री शिवराज ने एक कैबिनेट नोट भी दिखाया। उन्होंने कहा, "स्वामी नाथन कमेटी की रिपोर्ट में ये कहा गया कि लागत पर 50 फीसदी मुनाफा देकर समर्थन मूल्य घोषित करना चाहिए, लेकिन यूपीए सरकार ने इसे खारिज किया।"

बता दें कि, राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के नेता रामजी लाल सुमन सवाल पूछा था कि क्या इस चालू सत्र में केंद्र सरकार एमएसपी को कानूनी गारंटी प्रदान करने के लिए कानून लाएगा। इस पर कृषि मंत्री ने यूपीए सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों ने किसानों के नाम पर केवल राजनीति करने की।

UPA सरकार को घेरा

शिवराज सिंह चौहान ने कहा- पीएम मोदी के नेतृत्व में हम खेती लाभ बनाने और किसानों की आमदनी दोगुनी करने कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हम दिन-रात महेनत करेंगे. हमने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। हम आगे भी किसानों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लेते रहेंगे। वर्ष 2004-05 से 2013-14 के बीच में केवल 6.29 लाख मीट्रिक टन दलहन खरीदी जाती थी। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार में 1.70 करोड़ मीट्रिक टन दलहन की खरीदी हो रही है।

शिवराज ने रखी अपनी बात

पिछले साल किसानों ने एमएसपी समिति का गठन सहित अन्य मांग को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था। जिस पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस समिति का गठन एक विशिष्ट उद्देश्यों को लेकर किया गया था। यह किसानों के लिए एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए हैं।

शिवराज सिंह ने आगे कहा- शरद पवार ने जो तत्कालीन सरकार में मंत्री थे, उन्होंने कहा कि सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर एमएसपी तय करती है। इस वजह से यह पहचानने का आवश्यकता है कि उत्पादन लागत और एमएसपी के बीच कोई आंतरिक संबंध नहीं हो सकता।

कृषि मंत्री ने कहा- 2010 में यूपीए सरकार ने काउंटर-प्रोडक्टिविटी का हवाला देते हुए स्वामीनाथन आयोग की इस प्रमुख सिफारिश को खारिज कर दिया और तर्क दिया कि यह बाजार को विकृत कर देगा।

Created On :   26 July 2024 10:24 PM IST

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