विज्ञान/प्रौद्योगिकी: जब तकनीक उद्देश्य से मिलती है रियलमी और भूमि युवाओं को कर रहे हैं सक्षम

जब तकनीक उद्देश्य से मिलती है  रियलमी और भूमि युवाओं को कर रहे हैं सक्षम
आज तकनीक हर जगह है। यह हमारे जीने, सीखने और एक-दूसरे से जुड़ने के तरीकों को बदल रही है। भारत के हर कोने में हजारों युवा बदलाव के लिए तैयार हैं। वे आगे बढ़ना चाहते हैं, कुछ नया करना चाहते हैं और अपने समाज को भी कुछ लौटाना चाहते हैं। लेकिन बहुत से युवाओं के पास अब भी सही अवसर नहीं पहुंच पाते।

नई दिल्ली, 16 अप्रैल (आईएएनएस)। आज तकनीक हर जगह है। यह हमारे जीने, सीखने और एक-दूसरे से जुड़ने के तरीकों को बदल रही है। भारत के हर कोने में हजारों युवा बदलाव के लिए तैयार हैं। वे आगे बढ़ना चाहते हैं, कुछ नया करना चाहते हैं और अपने समाज को भी कुछ लौटाना चाहते हैं। लेकिन बहुत से युवाओं के पास अब भी सही अवसर नहीं पहुंच पाते।

यहीं पर रियलमी और भूमि जैसे संगठन सामने आते हैं। भूमि शिक्षा और युवा सशक्तिकरण पर काम करता है। यह संगठन उन बच्चों के साथ काम करता है जो समाज के कमजोर वर्गों से आते हैं। भूमि उन्हें स्कूल में टिके रहने, जीवन के जरूरी कौशल सीखने और बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करता है। इसमें रियलमी जैसे ब्रांड की साझेदारी बड़ी भूमिका निभा रही है, जिससे यह काम और अधिक लोगों तक पहुंच पा रहा है।

इस साझेदारी के पीछे एक साझा सोच है- एक ऐसा समाज बनाना जहां हर किसी को समान अवसर मिले। इसका लक्ष्य है शिक्षा में भेदभाव को कम करना और युवाओं को नेतृत्व के लिए तैयार करना। रियलमी, भूमि के इस मिशन को और मजबूत बना रहा है ताकि पूरे देश में सकारात्मक बदलाव हो सके।

रियलमी और भूमि मिलकर कई ऐसे कार्यक्रम चला रहे हैं जो बच्चों और युवाओं के संपूर्ण विकास पर ध्यान देते हैं। इनमें भूमि फेलोशिप, सोशल और इमोशनल लर्निंग (एसईएल) कार्यक्रम, स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस, इग्नाइट शेल्टर्स और भूमि क्लब्स शामिल हैं। हर पहल का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को आगे बढ़ाने में मदद करना है।

भूमि फेलोशिप एक दो साल का पेड प्रोग्राम है जो युवाओं को निम्न आय वाले समुदायों में शैक्षिक असमानता को दूर करने के लिए सशक्त बनाता है। इस कार्यक्रम में शामिल लोग सरकारी स्कूलों में सीधे काम करते हैं, जहां वे बुनियादी बातें सिखाते हैं, शिक्षकों की मदद करते हैं, और स्कूलों में संपूर्ण बदलाव लाने के लिए माता-पिता से जुड़ते हैं। 2020 से शुरू हुई यह फेलोशिप आज 75 फेलोज के साथ 13,000 से ज़्यादा छात्रों को प्रभावित कर रही है। यह न केवल स्कूलों को बदल रही है बल्कि भविष्य के एजुकेशन लीडर्स को भी तैयार कर रही है।

एसईएल कार्यक्रम बच्चों को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है और उन्हें जीवन जीने के जरूरी कौशल सिखाता है। स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस के जरिए स्कूलों की इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर की जाती हैं, शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाती है और पढ़ाने के नए तरीके अपनाए जाते हैं। इग्नाइट शेल्टर्स से बेघर बच्चों को अच्छी शिक्षा और मार्गदर्शन मिलता है। वहीं, भूमि क्लब स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों में सेवा-भाव और नेतृत्व की भावना जगाते हैं।

यह साझेदारी रियलमी के लिए केवल एक सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का काम नहीं है, बल्कि इसके मूल मूल्यों की झलक भी है। रियलमी एक युवाओं पर केंद्रित कंपनी है और यह अच्छी तरह समझती है कि शिक्षा किसी भी व्यक्ति का भविष्य संवारने में कितनी बड़ी भूमिका निभाती है। भूमि के कार्यक्रमों का सहयोग करके, रियलमी एक ऐसी पीढ़ी के निर्माण में मदद कर रहा है जो न केवल हुनरमंद है, बल्कि समाज के प्रति जागरूक भी है और नेतृत्व करने के लिए तैयार है।

रियलमी के जुड़ने से भूमि के प्रयासों को नया बल मिला है। रियलमी के सहयोग से भूमि संस्था भारत भर में 70,000 से अधिक स्कूली बच्चों और 10,000 कॉलेज विद्यार्थियों तक पहुंची है, उन्हें अच्छी शिक्षा, जरूरी जीवन कौशल और नेतृत्व के अवसर प्रदान किए हैं।

रियलमी और भूमि की यह साझेदारी यह दिखाती है कि तकनीक और समाज सेवा मिलकर कैसे बड़ा बदलाव ला सकते हैं। रियलमी अपने संसाधनों और प्रभाव का उपयोग करके न केवल युवाओं को सशक्त बना रहा है, बल्कि अन्य संगठनों को भी प्रेरित कर रहा है कि वे समाज की समस्याओं को हल करने में सक्रिय भूमिका निभाएं।

यह सहयोग हमें यह याद दिलाता है कि असली नवाचार वही है जो किसी को ऊपर उठाए और सक्षम बनाए। रियलमी और भूमि मिलकर सिर्फ जिंदगियां नहीं बदल रहे, बल्कि एक ऐसा भविष्य बना रहे हैं जहां हर युवा को सीखने, आगे बढ़ने और नेतृत्व करने का मौका मिल सके।

जैसे-जैसे रियलमी नए-नए प्रयोग करता जा रहा है और भारत के युवाओं की आकांक्षाओं से जुड़ रहा है, वैसे-वैसे भूमि के साथ उसकी साझेदारी यह दिखाती है कि जब तकनीक एक उद्देश्य से जुड़ती है, तो संभावनाएं असीम हो जाती हैं।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   16 April 2025 2:42 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story