संस्कृति: हनुमान जयंती पर मांड्या में निकाली गई भव्य शोभायात्रा, उत्साहित लोग बोले- ये आस्था और एकता का प्रतीक

हनुमान जयंती पर मांड्या में निकाली गई भव्य शोभायात्रा, उत्साहित लोग बोले- ये आस्था और एकता का प्रतीक
कर्नाटक के मांड्या में शनिवार को हिंदू संगठनों ने रामानुजनय महोत्सव समिति के तत्वावधान में भव्य शोभायात्रा निकाली। यह शोभायात्रा शहर के कालीकंभा मंदिर से शुरू होकर मांड्या विश्वविद्यालय परिसर तक पहुंची। सड़कों को केसरिया रंग में रंगे फ्लैक्स बोर्ड और बैनर से सजाया गया। शोभायात्रा में विश्व हिंदू परिषद (विहिप), बजरंग दल सहित कई हिंदू संगठनों के हजारों कार्यकर्ताओं ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया।

मांड्या, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। कर्नाटक के मांड्या में शनिवार को हिंदू संगठनों ने रामानुजनय महोत्सव समिति के तत्वावधान में भव्य शोभायात्रा निकाली। यह शोभायात्रा शहर के कालीकंभा मंदिर से शुरू होकर मांड्या विश्वविद्यालय परिसर तक पहुंची। सड़कों को केसरिया रंग में रंगे फ्लैक्स बोर्ड और बैनर से सजाया गया। शोभायात्रा में विश्व हिंदू परिषद (विहिप), बजरंग दल सहित कई हिंदू संगठनों के हजारों कार्यकर्ताओं ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया।

शोभायात्रा की शुरुआत सुबह कालीकंभा मंदिर से हुई। इस दौरान डीजे साउंड और भक्ति भजनों ने माहौल को और जीवंत बना दिया। केंगेरी के विश्व ओक्कालिगा मठ के श्री निश्वलानंद स्वामीजी की मौजूदगी ने आयोजन को और गरिमामय बनाया। शोभायात्रा में शामिल कार्यकर्ता और श्रद्धालु जय श्री राम के नारे लगाते हुए मांड्या विश्वविद्यालय की ओर बढ़े। रास्ते में जगह-जगह लोगों ने शोभायात्रा का स्वागत किया।

शोभायात्रा के बाद मांड्या विश्वविद्यालय परिसर में एक मंचीय कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सुलीबेले चक्रवर्ती ने हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचारों पर प्रकाश डाला और समाज में एकजुटता का आह्वान किया। उनके भाषण ने श्रोताओं में जोश भर दिया। कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी हिंदू संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण पर जोर दिया।

शोभायात्रा और मंचीय कार्यक्रम में शामिल लोगों ने इसे एकता और आस्था का प्रतीक बताया। आयोजकों ने बताया कि यह शोभायात्रा श्री रामानुजनय महोत्सव समिति के तहत हर साल आयोजित की जाती है, जिसका उद्देश्य हिंदू समाज को जागरूक करना और संस्कृति को बढ़ावा देना है। स्थानीय लोगों ने भी इस आयोजन की सराहना की और इसे शहर के लिए गर्व का क्षण बताया।

शोभायात्रा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस और स्वयंसेवकों ने मिलकर व्यवस्था संभाली, जिससे आयोजन शांतिपूर्ण रहा। यह शोभायात्रा न केवल धार्मिक उत्साह का प्रतीक थी, बल्कि सामाजिक एकजुटता का संदेश भी देती रही।

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Created On :   12 April 2025 10:05 AM IST

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