राष्ट्रीय: 'राम' के जरिए कड़वाहट भरे रिश्तों में घुलती मिठास

राम के जरिए कड़वाहट भरे रिश्तों में घुलती मिठास
अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद समाज में रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में अभिनव पहल हो रही है। एक पहल हुई है मध्य प्रदेश के सतना जिले मे, जहां पारिवारिक रिश्तों में आई कड़वाहट को खत्म करने 'राम' और 'रामायण' का सहारा लिया जा रहा है।

भोपाल, 29 जनवरी (आईएएनएस)। अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद समाज में रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में अभिनव पहल हो रही है। एक पहल हुई है मध्य प्रदेश के सतना जिले मे, जहां पारिवारिक रिश्तों में आई कड़वाहट को खत्म करने 'राम' और 'रामायण' का सहारा लिया जा रहा है।

समाज और परिवारों की शांति के साथ प्रगति में सबसे बड़ी बाधा रिश्तो में आई खटास और वैमनस्यता होती है। कई मामले पुलिस थानों से लेकर न्यायालय की दहलीज तक पहुंच जाते हैं, मगर सतना जिले में इस कड़वाहट को दूर करने का अभिनव प्रयोग शुरू हुआ है।

यहां की एक संस्था मधुरिमा सेवा संस्कार फाउंडेशन ने पारिवारिक विवाद को निपटाने के लिए संवाद का सहारा लिया। इस संस्था के लोग उन परिवारों से संपर्क करते हैं जिनके बीच किसी वजह से दूरियां बढ़ गई हैं, कड़वाहट आ गई है।

दोनों ही पक्षों को राम का उदाहरण देते हुए हिदायत दी जाती है और मिलजुल कर रहने का संदेश दिया जाता है और कहा जाता है कि अब तो 500 साल के संघर्ष के बाद रामलला आ गए हैं तो हम क्यों आपस में दूर रहें।

एक मामला है कोठी नगर परिषद के शिव वीर सिंह का। वे अपने माता-पिता की बात नहीं सुनते थे और अपनी मस्ती में मस्त रहते थे, मगर अब उन्होंने राम जी के चरित्र के पालन का फैसला लिया है और तय किया है कि अब अपने माता-पिता की हर बात मानेंगे और प्रभु श्री राम जी के आदर्श पर चलेंगे।

इसी तरह गौरैया की रेखा सिंह के अपनी सास से बेहतर रिश्ते नहीं चल रहे थे। संस्था के सदस्यों ने इन दोनों महिलाओं से संपर्क किया। उसका परिणाम यह हुआ कि बहू ने अपनी सास से न केवल माफी मांगी, बल्कि संकल्प लिया कि वह दोनों मिलकर राम राज्य की स्थापना के लिए अन्य लोगों के रिश्तों में आई कड़वाहट को खत्म करने में मदद करेगी। म

धुरिमा सेवा संस्कार फाउंडेशन की संस्थापक डॉ स्वप्ना वर्मा का कहना है कि भगवान राम 500 साल के संघर्ष के बाद अयोध्या आए हैं। ऐसे में हम सब का कर्तव्य है कि समाज में भी राम राज्य आए। यह तभी संभव है जब लोगों के बीच कड़वाहट न हो और वैमनस्यता खत्म हो। इसके लिए जिनके बीच विवाद है उन्हें राम, लक्ष्मण और सीता के त्याग की कहानी सुनाई जाती है, इसका असर भी हो रहा है। जहां भी पारिवारिक रिश्तों में खटास है उसे खत्म करने की हमारी संस्था के लोग प्रयास कर रहे हैं। प्रभु की कृपा से ही इस अभियान को सफलता मिल रही है। सतना जिले के ही उचेहरा में देवरानी व जेठानी के बीच अनबन थी, इसके चलते भाईयों में भी दूरी आ गई थी, अब शिखा व प्रियंका गौतम ने तय किया है कि वे मिलकर रहेंगी, हर रोज घर में दो दीपक जलाएंगी और समाज के लोगों को भी जागृत करेंगी ताकि घर-घर में राम बस जाएं।

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Created On :   29 Jan 2024 4:38 PM IST

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