राजनीति: अभी चुनावों की प्रक्रिया इतनी लंबी है कि देश की प्रगति रुक जाती है शिवराज सिंह चौहान

अभी चुनावों की प्रक्रिया इतनी लंबी है कि देश की प्रगति रुक जाती है  शिवराज सिंह चौहान
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के मुद्दे पर पटना के रामकृष्ण द्वारका कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि देश में अभी चुनावों की प्रक्रिया इतनी लंबी और निरंतर चलने वाली है कि इससे देश की प्रगति रुक जाती है।

पटना, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के मुद्दे पर पटना के रामकृष्ण द्वारका कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि देश में अभी चुनावों की प्रक्रिया इतनी लंबी और निरंतर चलने वाली है कि इससे देश की प्रगति रुक जाती है।

चौहान ने कहा कि राजनीतिक दल हर साल किसी न किसी चुनाव की तैयारी में लगे रहते हैं, जिससे विकास की गति धीमी हो जाती है। अब समय आ गया है कि देश के हर वर्ग की यही मांग है कि चुनाव एक साथ होने चाहिए ताकि संसाधनों और समय का सही उपयोग किया जा सके।

कार्यक्रम के दौरान, बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा भी उपस्थित थे। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। शिवराज सिंह चौहान ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के पक्ष में अपने विचार रखते हुए कहा कि जब एक राज्य में चुनाव होते हैं, तो वहां पर अन्य राज्यों के अधिकारी भी चुनावी कार्यों में जुट जाते हैं। चुनाव आयोग, सुरक्षा बल और अन्य प्रशासनिक अधिकारी राज्य की सामान्य कार्यप्रणाली को छोड़कर चुनावों में व्यस्त हो जाते हैं, जिससे राज्य का प्रशासनिक काम ठप पड़ जाता है।

चौहान ने उदाहरण देते हुए कहा कि जब बिहार, बंगाल, महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे राज्यों में चुनाव होते हैं, तो वहां की पूरी पुलिस और अर्धसैनिक बल चुनावी कार्यों में लगे होते हैं। इसके अलावा, चुनाव आयोग के कर्मचारी और अधिकारी भी अलग-अलग विभागों के काम छोड़कर चुनाव कार्यों में लग जाते हैं। उन्होंने बताया कि हर जगह चुनावी तैयारियों के दौरान सरकारी कर्मचारियों जैसे शिक्षकों, आशा कार्यकर्ताओं को अपने नियमित कार्यों से हटा दिया जाता है। वे चुनाव के दौरान वोटर लिस्ट बनवाना, घर-घर जाकर नामों की सूची अपडेट करने का काम करते हैं।

उन्होंने कहा कि जब चुनाव होते हैं तो विभिन्न राज्यों के अधिकारी और सैनिक बल उन राज्यों में भेजे जाते हैं, जहां चुनाव हो रहे होते हैं, जिससे वहां की सुरक्षा-व्यवस्था भी प्रभावित होती है। सुरक्षा बलों का प्राथमिक उद्देश्य जनता की सेवा होना चाहिए, लेकिन वे चुनाव कराने में व्यस्त रहते हैं।

चौहान ने कहा, 'वन नेशन-वन इलेक्शन' की प्रक्रिया से न केवल चुनावी खर्च में कमी आएगी, बल्कि सरकारी संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल भी होगा और देश की प्रगति में कोई रुकावट नहीं आएगी।

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Created On :   12 April 2025 8:37 PM IST

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