धर्म: वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक, मौलाना उमरैन बोले- मुसलमान डरता नहीं है

वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक, मौलाना उमरैन बोले- मुसलमान डरता नहीं है
वक्फ संशोधन कानून को लेकर जारी राजनीतिक बहस के बीच महाराष्ट्र के मालेगांव स्थित मस्जिद में बुधवार को बैठक हुई। यह बैठक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड की तरफ से बुलाई गई थी, जिसमें मुस्लिम मौलानाओं ने हिस्सा लिया और इस कानून का जोरदार विरोध किया। बैठक में शिरकत करने वालों ने कहा कि हम इस तरह के किसी भी कानून को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं, जिससे वक्फ की संपत्ति को नुकसान पहुंचे।

मुंबई, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। वक्फ संशोधन कानून को लेकर जारी राजनीतिक बहस के बीच महाराष्ट्र के मालेगांव स्थित मस्जिद में बुधवार को बैठक हुई। यह बैठक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड की तरफ से बुलाई गई थी, जिसमें मुस्लिम मौलानाओं ने हिस्सा लिया और इस कानून का जोरदार विरोध किया। बैठक में शिरकत करने वालों ने कहा कि हम इस तरह के किसी भी कानून को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं, जिससे वक्फ की संपत्ति को नुकसान पहुंचे।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव मौलाना उमरैन महफूज रहमानी ने इस बैठक के बारे में पूरी जानकारी दी। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वक्फ संशोधन कानून से वक्फ की संपत्ति को खतरा है। लिहाजा हमारी सरकार से मांग है कि इसे वापस लिया जाए। हम इस तरह के कानून को मौजूदा समय में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं।

उन्होंने वक्फ संशोधन कानून को केंद्र सरकार की मनमानी बताते हुए कहा कि इस देश का मुसलमान किसी से डरता नहीं है। अगर हुकूमत को ऐसा लगता है कि मुसलमान डरता है, तो मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इस देश का मुसलमान किसी से डरना नहीं जानता है।

उन्होंने कहा कि आप जरा यह भी याद रखिए कि मुसलमान वो कौम नहीं है, जो आपकी धमकियों से डर जाएगा। धमकी उसे दीजिए, जो डरना जानते हों। मुसलमान अपने आपको डर और खौफ से उठाकर अपना ऐतबार अल्लाह पर रखता है, इसलिए आप हमें नहीं डराएं। अगर आप हमें डराएंगे, तो मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि आपकी गोलियां कम पड़ जाएंगी, लेकिन हमारे सीने कम नहीं पड़ेंगे। हम कुर्बानी देंगे और अपनी मंजिलों तक पहुंचेंगे।

उन्होंने कहा कि वैसे तो यह कानून 1995 में बनाया गया था, जिसका हम स्वागत भी करते हैं, लेकिन अब जिस तरह से इसमें संशोधन किए गए हैं, हम उसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं। हम इसे वापस लिए जाने की मांग करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि हमारा यह लोकतांत्रिक अधिकार है कि जो चीजें हमें नुकसान पहुंचाएं, हम उसके खिलाफ जोरदार तरीके से आवाज उठाएं और हम मौजूदा समय में वही कर रहे हैं और करते रहेंगे, जब तक कि इस कानून को वापस नहीं लिया जाता है।

उन्होंने कहा कि वक्फ कानून की वजह से कई तरह की दुश्वारियां पैदा हो सकती हैं, जिसे देखते हुए हम इसका विरोध कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज की बैठक में हमने पूरे देश के मुसलमानों के लिए दिशानिर्देश जारी किया है कि वे इस कानून का एकजुट होकर विरोध करें। हमारी यह बैठक सार्थक रही है। इसमें कई लोगों ने हिस्सा लिया, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि लोगों में इस कानून को लेकर नाखुश हैं।

उन्होंने कहा कि हम वक्फ के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहेंगे। हम आने वाले दिनों में इस कानून के विरोध में जगह-जगह कई छोटे-बड़े कार्यक्रम करेंगे और मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस कानून के विरोध में एकजुट करेंगे और उन्हें यह बताएंगे कि यह किस तरह से उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। हम इस कानून को लेकर अपने समुदाय के लोगों को एकजुट करेंगे और उनसे अपील करेंगे कि वे इसके विरोध में अपनी आवाज बुलंद करें।

मौलाना ने आगे कहा कि आगे चलकर हम कानून का सहारा लेकर लेंगे। हम अदालतों का दरवाजा खटखटाएंगे। लेकिन, हमारे पास कई दूसरे विकल्प भी हैं, जिनका इस्तेमाल भी हम आगे आने वाले दिनों में करेंगे।

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Created On :   9 April 2025 10:01 AM IST

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