राजनीति: जम्मू-कश्मीर में ‘वक्फ’ पर हंगामा नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक बोले- ‘यह एक गंभीर मुद्दा’

जम्मू-कश्मीर में ‘वक्फ’ पर हंगामा  नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक बोले- ‘यह एक गंभीर मुद्दा’
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून को लेकर मंगलवार को भी हंगामा जारी रहा। विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक और हंगामे के कारण स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। इस मुद्दे पर विधायकों की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सदन की कार्यवाही चले।

जम्मू, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून को लेकर मंगलवार को भी हंगामा जारी रहा। विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक और हंगामे के कारण स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। इस मुद्दे पर विधायकों की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सदन की कार्यवाही चले।

विधायक मुबारक गुल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "हम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा की कार्यवाही चले। हम यह भी मानते हैं कि वक्फ कानून एक राष्ट्रीय मुद्दा है और इसे संबोधित करना विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी है। आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि भाजपा किस तरह कब्रिस्तानों और मस्जिदों पर कब्जा करने के हथकंडे अपना रही है और हम ऐसा नहीं होने देंगे। जम्मू-कश्मीर से जुड़े कई और मुद्दे हैं, लेकिन यह एक गंभीर मामला है और इस पर चर्चा होना बेहद जरूरी है। डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी ने अभी कहा है कि सरकार इस बारे में गंभीर है और इस पर चर्चा होनी चाहिए।"

नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक सलमान सागर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "कुछ लोगों ने हमेशा नेशनल कॉन्फ्रेंस को कमजोर करने की कोशिश की है। जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस एक बड़ा संगठन है और हमारा अपना स्टैंड, विचारधारा और विचार प्रक्रिया है। हम भाजपा के झूठे वादों को उजागर करने के लिए एक विधेयक ला रहे हैं। उनका 'सबका साथ सबका विकास' का विचार वास्तव में सभी को शामिल नहीं करता है। अगर वक्फ बिल में कुछ शामिल है, तो वह मुस्लिम मदरसों, जमीनों, धार्मिक स्थलों और मस्जिदों पर नियंत्रण करने के बारे में है। मैं वक्फ कानून का विरोध करता हूं।"

वहीं, भाजपा विधायक विक्रम रंधावा ने जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद के मुद्दे पर बात की। उन्होंने हुर्रियत का साथ छोड़ने वाले संगठनों का जिक्र करते हुए कहा, "देर आए दुरुस्त आए। अलगाववाद का रास्ता छोड़कर अब वह राष्ट्रवाद के रास्ते पर चल रहे हैं और 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की कल्पना कर रहे हैं। इस बार गृह मंत्री तीन दिन के लिए आए हैं, कल्पना कीजिए कि अगर वह 15 दिन जम्मू-कश्मीर में रहें तो क्या होगा। मेरा मानना है कि उनकी समझदारी की जीत हुई है और अब यह अहसास हो गया है कि अलगाववाद की बेबुनियाद लड़ाई कहीं नहीं ले जाएगी।"

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Created On :   8 April 2025 3:58 PM IST

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