राजनीति: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में केंद्र और एएसआई को पक्षकार बनाने की मांग, 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में केंद्र और एएसआई को पक्षकार बनाने की मांग, 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्री श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़े दो मामलों में शुक्रवार को हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने जानकारी साझा की।

मथुरा, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्री श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़े दो मामलों में शुक्रवार को हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने जानकारी साझा की।

उन्होंने बताया कि कृष्ण जन्मभूमि से जुड़े दो मामले सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध थे। पहला मामला मस्जिद कमेटी द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने से जुड़ा था, जिसमें हमने संशोधन आवेदन दाखिल कर अनुरोध किया था कि एएसआई और केंद्र सरकार को पक्ष बनाया जाए। हाईकोर्ट ने हमारा अनुरोध स्वीकार कर लिया था। हालांकि, मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई और कोर्ट ने मामले को 8 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया।

उन्होंने दूसरे मामले के बारे में कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जन्मभूमि से जुड़े 15 मुकदमों को एक साथ जोड़ दिया था और इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को खारिज कर दिया था और मस्जिद कमेटी को हाईकोर्ट में रिकॉल आवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया था। रिकॉल आवेदन 23 अक्टूबर को खारिज कर दिया गया था। शुक्रवार को मस्जिद कमेटी ने अपनी पिछली एसएलपी को फिर से शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दाखिल किया। कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है और मामले की सुनवाई दूसरे बैच के मामलों के साथ होगी।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्री श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़े दो मामले सुप्रीम कोर्ट में लगाए गए थे। पहले मामले में इलाहाबाद कोर्ट के ऑर्डर को मस्जिद कमेटी द्वारा चुनौती दी गई थी। इस मामले में हिन्दू पक्ष की ओर से संशोधन आवेदन दाखिल किया गया था। हिन्दू पक्ष ने हाईकोर्ट से मांग की थी कि इस मामले में एएसआई और केंद्र सरकार को पक्ष बनाया जाए। हाईकोर्ट ने हिन्दू पक्ष की इस मांग को स्वीकृति दी थी। हाईकोर्ट के उस ऑर्डर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। इस मामले में 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।

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Created On :   4 April 2025 4:54 PM IST

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