राजनीति: एक मंत्री सात विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी, दिल्ली में पीएम मोदी वाला मॉडल

एक मंत्री सात विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी, दिल्ली में पीएम मोदी वाला मॉडल
केंद्र सरकार की 'सांसद आदर्श ग्राम योजना' की तर्ज पर अब दिल्ली में भी विकास को तेज गति देने के लिए एक नई पहल की गई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने राजधानी के सभी मंत्रियों को सात-सात विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी है। इसका उद्देश्य विकास कार्यों में तेजी लाना और अफसरशाही की जटिलताओं से बचते हुए समस्याओं का समय पर समाधान करना है।

नई दिल्ली, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्र सरकार की 'सांसद आदर्श ग्राम योजना' की तर्ज पर अब दिल्ली में भी विकास को तेज गति देने के लिए एक नई पहल की गई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने राजधानी के सभी मंत्रियों को सात-सात विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी है। इसका उद्देश्य विकास कार्यों में तेजी लाना और अफसरशाही की जटिलताओं से बचते हुए समस्याओं का समय पर समाधान करना है।

सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक मंत्री ने अपने अधीनस्थ विधायकों के साथ संवाद और समन्वय के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया है। इस ग्रुप में सरकार की योजनाओं की जानकारी, क्रियान्वयन की स्थिति और संबंधित प्रगति साझा की जाती है। साथ ही, विधायक अपने क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं और विकास कार्यों की अद्यतन जानकारी भी इस मंच पर रख सकेंगे।

दिल्ली सरकार के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के लगभग 90 प्रतिशत विधायक ऐसे हैं, जिन्हें प्रशासनिक अनुभव नहीं है। ऐसे में कई बार विकास कार्य फाइलों में ही अटक जाते हैं। इसी चुनौती से निपटने के लिए यह नई रणनीति तैयार की गई है, ताकि मंत्रीगण स्वयं निगरानी करें और काम में देरी न हो।

इस अभियान की गंभीरता को देखते हुए खुद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी सात विधानसभा क्षेत्रों की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाली है। मुख्यमंत्री का मानना है कि इससे न केवल विकास कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि विधायक सीधे उनसे संवाद कर सकेंगे और जनसमस्याओं का त्वरित समाधान संभव हो सकेगा।

नई व्यवस्था के तहत अगर किसी विधायक को कोई कार्य कराना हो, तो उसे पारंपरिक सरकारी प्रक्रिया से हटकर सीधे उस मंत्री से संपर्क करना होगा, जिन्हें उसकी विधानसभा सौंपी गई है। मंत्री का दायित्व होगा कि वह काम को समयबद्ध तरीके से पूरा करवाएं। साथ ही, प्रगति रिपोर्ट तैयार कर विधायक को सौंपना भी मंत्री के दफ्तर की जिम्मेदारी होगी। यदि कोई काम किसी विभागीय टेबल पर अटका हो, तो उसे साफ करवाना भी उसी कार्यालय का कार्य होगा।

सरकार का दावा है कि इस प्रणाली से विकास कार्यों को समय रहते पूरा किया जा सकेगा और प्रशासनिक पारदर्शिता तथा जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। यदि यह मॉडल सफल होता है, तो इसे राजधानी के अन्य विभागों और संस्थाओं में भी लागू किया जा सकता है।

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Created On :   20 April 2025 7:36 PM IST

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