अंतरराष्ट्रीय: क्या 2023 में फैले अंधेरे से जाग गया है पाकिस्तान, आर्थिक बदहाली के बाद भी क्यों न्यूक्लियर प्लांट के लिए कर रहा अरबों रुपये खर्च

क्या 2023 में फैले अंधेरे से जाग गया है पाकिस्तान, आर्थिक बदहाली के बाद भी क्यों न्यूक्लियर प्लांट के लिए कर रहा अरबों रुपये खर्च
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में बिजली कटौती एक बड़ी समस्या है। 2023 में देश एक बड़ा ब्लैकआउट देख चुका है। शहबाज शरीफ सरकार ने अब इस समस्या के समाधान के लिए परमाणु ऊर्जा के जरिए बिजली उत्पादन करने वाले देश के सबसे बड़े संयंत्र को बनाने का फैसला किया है।

इस्लामाबाद, 30 दिसबंर, (आईएएनएस)। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में बिजली कटौती एक बड़ी समस्या है। 2023 में देश एक बड़ा ब्लैकआउट देख चुका है। शहबाज शरीफ सरकार ने अब इस समस्या के समाधान के लिए परमाणु ऊर्जा के जरिए बिजली उत्पादन करने वाले देश के सबसे बड़े संयंत्र को बनाने का फैसला किया है।

पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग (पीएईसी) को चश्मा परमाणु ऊर्जा प्लांट संयंत्र 5 (सी-5) के निर्माण का लाइसेंस जारी किया गया है। यह लाइसेंस पाकिस्तान परमाणु विनियामक प्राधिकरण (पीएनआरए) ने जारी किया है।

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इस पहल का मकसद 1200 मेगावाट क्षमता वाले परमाणु ऊर्जा के जरिए बिजली उत्पादन करने वाले सबसे बड़े संयंत्र सी-5 का निर्माण करना है।

सी-5 चीनी हुआलोंग डिजाइन का एक उन्नत तीसरी पीढ़ी का प्रेशराइज्ड वाटर रिएक्टर है, जिसमें सक्रिय और निष्क्रिय सुरक्षा विशेषताएं हैं। इसमें डबल-शेल कंटेनमेंट और रिएक्टर-फिल्टर वेंटिंग सिस्टम शामिल हैं। इसका जीवनकाल 60 वर्ष है।

यह पाकिस्तान में इस डिजाइन का तीसरा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है। दो अन्य संयंत्र, कराची परमाणु ऊर्जा संयंत्र यूनिट 2 और 3, पहले से ही काम कर रहे हैं और राष्ट्रीय ग्रिड में बिजली जोड़ रहे हैं।

सी-5 संयंत्र का निर्माण 3.7 बिलियन डॉलर की लागत से किया जाएगा।

बता दें 23 जनवरी 2023 को पूरा पाकिस्तान अंधेरे में डूब गया था। यह 2 वर्षों में देश में दूसरा बड़ा ग्रिड ब्रेकडाउन था। अधिकांश क्षेत्रों में, ब्लैकआउट लगभग 12-13 घंटे तक चला, जबकि कुछ ग्रामीण इलाके 24 से 72 घंटे बिना बिजली के रहे। राजधानी इस्लामाबाद और उसके पड़ोसी शहर रावलपिंडी में लगभग 8 घंटे में बिजली बहाल हो गई। लाहौर और कराची में लगभग 16 घंटे बाद बिजली आई।

ब्लैकआउट के कारण इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवाएं प्रभावित हुईं। कई कंपनियों और अस्पतालों ने कहा कि उन्होंने बैकअप जनरेटर का इस्तेमाल किया। ब्लैकआउट के कारण कपड़ा उद्योग को 70 मिलियन डॉलर का नुकसान भी हुआ। विभिन्न शहरों में लोगों ने पानी की कमी की भी शिकायत की क्योंकि बिजली से चलने वाले पानी के पंप काम नहीं कर रहे थे। कई एटीएम ने भी काम करना बंद कर दिया और बैकअप बिजली न होने के कारण लोग पैसे नहीं निकाल पा रहे थे।

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Created On :   30 Dec 2024 3:11 PM IST

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