विज्ञान/प्रौद्योगिकी: पीएमएमवाई इकोसिस्टम से मिल रही महिलाओं के सशक्तीकरण में मदद

पीएमएमवाई इकोसिस्टम से मिल रही महिलाओं के सशक्तीकरण में मदद
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) भारत में सशक्त और आर्थिक रूप से सक्रिय महिलाओं का एक इकोसिस्टम तैयार कर रही है। यह जानकारी एक एक्सपर्ट्स की ओर से दी गई।

नई दिल्ली, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) भारत में सशक्त और आर्थिक रूप से सक्रिय महिलाओं का एक इकोसिस्टम तैयार कर रही है। यह जानकारी एक एक्सपर्ट्स की ओर से दी गई।

एक मीडिया रिपोर्ट में, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अनुसंधान विभाग के ओएसडी आदित्य सिन्हा ने बताया कि किस प्रकार पीएमएमवाई देश में महिलाओं के नेतृत्व वाली वृद्धि को सशक्त बना रहा है।

पीएमएमवाई के तहत माइक्रो और नैनो एंटरप्राइजेज को बिना कुछ गिरवी रखकर लोन दिया जाता है।

सिन्हा ने कहा, "एक फाइनेंसिंग स्कीम से कहीं अधिक, पीएमएमवाई गरीबों, विशेषकर महिलाओं को निष्क्रिय कल्याणकारी विषयों के बजाय उद्यमियों के रूप में मान्यता देता है।"

सिन्हा ने आगे कहा, "पीएमएमवाई के तहत लोन के लिए कुछ गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं है, इससे लेनदेन की लागत घटती और यह गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों और माइक्रो फाइनेंस मध्यस्थों के माध्यम से लोन पहुंच को विकेन्द्रीकृत करता है।"

पीएमएमवाई से केवल घरेलू कामकाज या मौसमी मजदूरी करने वाली महिलाएं अब सक्रिय रूप से सिलाई यूनिट्स, ब्यूटी पार्लर, फूड स्टॉल, कृषि प्रसंस्करण उद्यम और खुदरा दुकानें जैसे सूक्ष्म उद्यम शुरू कर रही हैं।

सिन्हा ने इस परिवर्तन को "डीप सोशल" बताया, जिससे घरों में महिलाओं की खरीद शक्ति और संसाधनों पर पकड़ बढ़ी है।

2015 में शुरू की गई पीएमएमवाई एक सरकारी योजना है जो सूक्ष्म और लघु उद्यमों को छोटे ऋण (20 लाख रुपये तक) प्रदान करती है।

इस योजना में शिशु कैटेगरी के तहत 50,000 रुपये तक, किशोर कैटेगरी के तहत 50,001 रुपये से 5 लाख रुपये, तरुण कैटेगरी के तहत 5,00,001 रुपये से 10 लाख रुपये और तरुण प्लस कैटेगरी के तहत 20 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं।

डेटा से पता चलता है कि पीएमएमवाई के लाभार्थियों में से लगभग 68 प्रतिशत महिलाएं हैं।

वित्त वर्ष 2016 से वित्त वर्ष 2025 के बीच पीएमएमवाई के तहत प्रति महिला लोन वितरण की सीएजीआर 13 प्रतिशत रही, जो 62,679 रुपये तक पहुंच गई। इसी समय महिलाओं द्वारा वृद्धिशील बचत (जमा) 14 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ी।

सिन्हा ने कहा कि यह न केवल ऋण लेने बल्कि बेहतर वित्तीय व्यवहार का संकेत है।

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Created On :   14 April 2025 5:17 PM IST

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