स्वास्थ्य/चिकित्सा: अष्टांग योग के हैं अनंत लाभ, शोध में दावा- अभ्यास से जीवन में आता है सकारात्मक बदलाव

अष्टांग योग के हैं अनंत लाभ, शोध में दावा- अभ्यास से जीवन में आता है सकारात्मक बदलाव
योग एक ऐसी जीवनशैली है, जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित रखने में मदद करती है। ये न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक शांति और दिमागी मजबूती भी प्रदान करता है। इस प्राचीन भारतीय विद्या को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने और इसे आम लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार, सामाजिक संगठन और योग गुरु मिलकर काम कर रहे हैं।

नई दिल्ली, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। योग एक ऐसी जीवनशैली है, जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित रखने में मदद करती है। ये न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक शांति और दिमागी मजबूती भी प्रदान करता है। इस प्राचीन भारतीय विद्या को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने और इसे आम लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार, सामाजिक संगठन और योग गुरु मिलकर काम कर रहे हैं।

हाल ही में एक अध्ययन में यह बात सामने आई कि योग करने से बच्चों और युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हुआ है। आयुष मंत्रालय ने इस अध्ययन को बहुत महत्वपूर्ण बताया और इसे योग के फायदों को दुनिया तक पहुंचाने का एक बड़ा कदम माना।

इस अध्ययन में 20 बच्चों और युवाओं को शामिल किया गया। इन्हें 12 हफ्तों तक अष्टांग योग सिखाया गया। इस दौरान उन्होंने योग के आसन, सांस लेने की तकनीक (प्राणायाम) और ध्यान का अभ्यास किया। इस अध्ययन में प्रतिभागियों ने मानसिक स्वास्थ्य में सकारात्मक परिवर्तन महसूस किया।

योग की एक प्राचीन प्रणाली अष्टांग योग आज के तनावपूर्ण जीवन में मन, शरीर और आत्मा के संतुलन का आधार बन रही है। महर्षि पतंजलि के योग सूत्रों में वर्णित यह प्रणाली आठ चरणों पर आधारित है, जो व्यक्ति को शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाती है। विश्व भर में योग की बढ़ती लोकप्रियता के बीच अष्टांग योग अपनी संपूर्णता और गहराई के लिए जाना जाता है।

अष्टांग योग के आठ अंग हैं- यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि। यम और नियम नैतिक और आत्म-अनुशासन के सिद्धांत हैं, जो सामाजिक और व्यक्तिगत आचरण को निर्देशित करते हैं।

यम में अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह शामिल हैं, जबकि नियम में शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय और ईश्वर प्रणिधान आते हैं। ये सिद्धांत जीवन में संयम और नैतिकता का आधार बनाते हैं।

आसन और प्राणायाम अष्टांग योग के शारीरिक पहलू हैं। आसन शरीर को मजबूत और स्वस्थ बनाते हैं, जबकि प्राणायाम श्वास नियंत्रण के माध्यम से ऊर्जा संतुलन और मानसिक शांति प्रदान करता है।

प्रत्याहार इंद्रियों को बाहरी विषयों से हटाकर आंतरिक जागरूकता की ओर ले जाता है। धारणा और ध्यान मन को एकाग्र और स्थिर करने में मदद करते हैं, जबकि समाधि आध्यात्मिक आत्म-साक्षात्कार का अंतिम चरण है।

योग विशेषज्ञों के अनुसार अष्टांग योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि एक जीवन शैली है। अष्टांग योग व्यक्ति को न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है, बल्कि मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में भी मदद करता है। यह जीवन में संतुलन और सकारात्मकता लाता है।

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव बहुत आम बात है लेकिन योग इसे कम करने का आसान और सस्ता तरीका है। मंत्रालय के मुताबिक यह अध्ययन उनकी उस कोशिश का हिस्सा है, जिसमें वे योग को वैज्ञानिक आधार पर लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।

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Created On :   28 April 2025 10:26 AM IST

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