खुलेंगे कई राज: 5 दशक पुराने मंदिर से लेकर कुओं तक... कड़ी सुरक्षा के बीच ASI की टीम ने संभल में किया सर्वे, रिपोर्ट का इंतजार
- संभल में एएसआई की टीम ने किया सर्वे
- जिलाधिकारी ने पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को लिखा था पत्र
- एएसआई की टीम ने पांच जगहों पर किया सर्वे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। उत्तर प्रदेश का संभल शहर इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। इस बीच शुक्रवार को एएसआई (पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ) टीम ने शहर के 5 तीर्थ और 19 कुओं का सर्वे किया। एएसआई की इस कार्रवाई को पूरी तरह से गुप्त रखा गया था। टीम दिन भर सर्वेक्षण के काम में जुटी रही। वहीं जुमे की नमाज के मद्देनजर इलाके में सुरक्षा में कड़े इंतजाम किए गए थे। लेकिन, सबकी नजरें पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के सर्वे पर लगी थीं। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद संभल से जुड़े कई राज खुल सकते हैं।
दरअसल, संभल में 14 दिसंबर को 46 साल पुराने मंदिर को खोले जाने के बाद जिलाधिकारी ने भारतीय एएसआई विभाग को पत्र लिखा था, जिसके बाद विभाग की चार सदस्यों की टीम निरीक्षण के लिए संभल पहुंची। ASI की टीम के आने से पहले ही मंदिर के पास के कुएं के चारों तरफ बैरिकेडिंग कर दी गई थी। मंदिर में पूजा-पाठ के बीच ASI की टीम वहां पहुंची।
खुल सकते हैं कई राज
संभल का कार्तिकेय मंदिर, जिसके बारे में देश ने साल 1978 में जाना था। दरअसल, इस साल संभल में हुए दंगो के बाद वहां से लोगों का पलायन हुआ और मंदिर बंद हो गया। मंदिर के साथ ही उसके आसपास स्थित कुछ भी बंद हो गए थे। एएसआई के सर्वेक्षण के लिए अब उनको भी खुलवाया गया। एएसआई की टीम ने वहां पहुंचकर कुए का निरीक्षण किया और इस दौरान कुछ फोटोज भी लीं।
ASI के इस सर्वे को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया। टीम ने पांच अलग-अलग जगहों का सर्वे किया है। जिनमें भद्रकाश्रम -स्वर्गदीप -चक्रपाणि -प्राचीन तीर्थ श्मशान मंदिर और 19 कूप सम्मिलित हैं। संभल में ASI की टीम के द्वारा एक स्थान पर पुराने पत्थर की भी जांच की, जिसमें टूटी फूटी आकृतियां उभरी हुई दिखाई दीं। पुरातत्व विभाग के इस सर्वेक्षण के बाद अब इसकी रिपोर्ट का इंतजार है जिससे ये सामने आएगा कि संभल में मिला मंदिर और कुएं कितने साल पुराने हैं और इनका महत्व क्या है।
एएसआई की टीम कार्तिकेय मंदिर में जाकर सर्वे किया। इसके साथ उसके पास स्थित कुएं की भी जांच की, जहां को लेकर दावा किया जाता है कि कभी पूरा मोहल्ला उसका पानी पिया करता था। उसके जल का उपयोग पूजा-पाठ में होता था। संभल में मिले दो मंदिर जहां एएसआई ने सर्वे किया, उनमें दो बातें समान थीं। जैसे कि वो दोनों ही मंदिर मुस्लिम बहुल इलाके में थे, दशकों से बंद पड़े थे और अतिक्रमण का शिकार थे।
Created On :   21 Dec 2024 3:07 AM IST