Congress Press Conference: जातिगत जनगणना को कांग्रेस का सशर्त समर्थन, जानिए राहुल गांधी ने क्या रखी मांगें

जातिगत जनगणना को कांग्रेस का सशर्त समर्थन, जानिए राहुल गांधी ने क्या रखी मांगें
  • राहुल गांधी ने जाति जनगणना कराने के फैसले का किया स्वागत
  • कहा- जाति जनगणना कराने कब करेंगे इसके बारे में भी बताएं
  • जातिगत जनगणना को कांग्रेस का सशर्त समर्थन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की ओर से जातिगत जनगणना कराए जाने वाले फैसले का स्वागत किया है। इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस ने बुधवार शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें राहुल गांधी ने कहा कि हमने संसद में कहा था- हम 'जातिगत जनगणना' करवा के ही मानेंगे, साथ ही आरक्षण में 50% सीमा की दीवार को भी तोड़ देंगे। पहले तो नरेंद्र मोदी कहते थे कि सिर्फ चार जातियां हैं, लेकिन अचानक से उन्होंने जातिगत जनगणना कराने की घोषणा कर दी।

राहुल गांधी ने कहा कि हम सरकार के इस फैसले का पूरा समर्थन करते हैं, लेकिन सरकार को इसकी टाइमलाइन बतानी होगी कि जातिगत जनगणना का काम कब तक पूरा होगा? जातिगत जनगणना में बिहार और तेलंगाना का मॉडल है- इनके बीच में जमीन-आसमान का फर्क है। तेलंगाना जातिगत जनगणना के लिए एक मॉडल बना है और यह एक ब्लूप्रिंट बन सकता है। हम जातिगत जनगणना को डिजाइन करने में सरकार की मदद करेंगे, क्योंकि ये डिजाइन बहुत जरूरी है।

राहुल गांधी के सवाल

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि हम देश में जातिगत जनगणना के माध्यम से एक नए तरीके का विकास लाना चाहते हैं। चाहे OBC हों, दलित हों या आदिवासी- इनकी देश में कितनी भागीदारी है- यह सिर्फ जातिगत जनगणना से पता चलेगा, लेकिन हमें और आगे जाना है। हमें पता लगाना है कि देश की संस्थाओं और पावर स्ट्रक्चर में इन लोगों की कितनी भागीदारी है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगे कहा कि इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी ने अपने मैनिफेस्टो में लिखा था कि आर्टिकल 15(5) के तहत निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू किया जाए और हमारी मांग है कि सरकार इसे तत्काल लागू करे। ये हमारा विजन है, लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार किया, इसलिए हम उनका धन्यवाद देते हैं। हमें पूरी टाइमलाइन चाहिए कि कब तक जातिगत जनगणना का काम पूरा हो जाएगा। इसके अलावा डेवलपमेंटल विजन भी हमारे सामने रखा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, "हमने संसद में कहा था कि हम जाति जनगणना करवाएंगे। हमने यह भी कहा था कि हम 50% की सीमा को खत्म करेंगे, जो कृत्रिम दीवार बनी हुई है। नरेंद्र मोदी कहते थे कि सिर्फ 4 जाति हैं। पता नहीं क्या हुआ लेकिन अचानक 11 साल बाद जाति जनगणना कराने की घोषणा कर दी गई। हम इसका पूरा समर्थन करते हैं, लेकिन हम एक समय सीमा चाहते हैं। हम जानना चाहते हैं कि यह कब तक होगा। यह पहला कदम है। तेलंगाना जाति जनगणना में एक मॉडल बन गया है और यह एक खाका बन सकता है। हम जाति जनगणना की रूप रेखा तैयार करने में सरकार को अपना समर्थन देते हैं। दो उदाहरण हैं - बिहार और तेलंगाना और दोनों में बहुत अंतर है।"

राहुल गांधी की मांग

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी कहते हैं, "मैं फिर से कहना चाहूंगा कि जाति जनगणना पहला कदम है। हमारा विजन जाति जनगणना के जरिए विकास की नई मिसाल कायम करना है। सिर्फ आरक्षण ही नहीं, बल्कि हम केंद्रीय सवाल भी पूछ रहे हैं- चाहे वो ओबीसी हो, दलित हो, आदिवासी हो, इस देश में उनकी क्या भागीदारी है? जाति जनगणना के जरिए इसका पता चल जाएगा, लेकिन हमें जाति जनगणना से आगे बढ़ना होगा। हमने एक और बात कही थी, कांग्रेस ने एक और मुद्दा उठाया था, इसका उल्लेख घोषणापत्र में भी किया गया था। अनुच्छेद 15(5) - निजी शिक्षा संस्थानों में आरक्षण। यह पहले से ही एक कानून है। हम चाहते हैं कि एनडीए-बीजेपी सरकार इसे लागू करना शुरू करे।"

Created On :   30 April 2025 7:45 PM IST

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