SCO Summit 2024:: गृह युद्ध और सियासी घमासान से जूझ रहे पाकिस्तान में दो दिन बाद पहुंचेंगे एस जयशंकर, क्या इस्लामाबाद में टाइट सिक्योरिटी दे पाएगा पाक?

गृह युद्ध और सियासी घमासान से जूझ रहे पाकिस्तान में दो दिन बाद पहुंचेंगे एस जयशंकर, क्या इस्लामाबाद में टाइट सिक्योरिटी दे पाएगा पाक?
  • एससीओ सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा पाकिस्तान
  • 15 से 16 अक्टूबर को होने जा रहा शिखर सम्मेलन
  • भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर लेंगे हिस्सा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में 15 से 16 अक्टूबर को शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। इस सम्मेलन में कई देशों के प्रतिनिधि समेत भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी हिस्सा लेंगे। बता दें, इन दिनों पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है। इस वजह से पड़ोसी मुल्क की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। विदेशी प्रतिनिधियों पर भी इसका खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में एससीओ की मेजबानी करना पाकिस्तान के लिए काफी चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। इन सब हालातों के बीच इस्लामाबाद में एससीओ सम्मलेन को शांतिपूर्ण तरीके से कर पाना पाकिस्तान के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।

पाकिस्तान में हो रही आतंकी घटनाएं

पाकिस्तान के लिए हमेशा से ही आतंकवाद को पनाह देना 'अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने' की कहावत की तरह साबित हुआ है। यही कारण है कि आज भी पाकिस्तान में पुलिस और सेना आंतकी हमले से जूझना पड़ता है। पाकिस्तान में आतंकवाद कितने चरम तक पहुंच चुका है। इस बात का पता कुछ दिनों पहले हुई में हुई कुछ घटनाओं से चलता है। कराची में चीनी नागरिकों को निर्मम हत्या कर दी गई है। इसके अलावा एक आतंकी हमले में 20 बच्चों की जान चली गई है। जबकि, कोयले की खदान में हुए धमाके में 7 मजदूरों को मारा गया है।

पाकिस्तान में होने वाले आगामी एससीओ सम्मेलन को ध्यान में रखते हुए इस्लामाबाद को छावनी में बदला दिया गया है। इसके लिए राजधानी के अंदर चेकिंग के बिना किसी भी वाहन को आने-जाने की इजाजत नहीं मिल सकती है।

लॉकडाउन के बीच इस्लामाबद में एससीओ सम्मेलन

इस बारे में पाकिस्तान के एक अधिकारी ने जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया है कि इस्लामाबाद में एससीओ सम्मेलन को मद्देनजर रखते हुए सुरक्षा के इंतजाम को दुरुस्त कर दिया गया है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि सम्मेलन के दौरान किसी भी तरह की अनहोनी न हो पाए। फिलहाल, इन दिनों पाकिस्तान में लॉकडाउन ने अवाम का हाल बेहाल कर रखा है। अधिकारियों ने बताया कि लॉकडाउन के एक सप्ताह के अंदर मुल्क की अर्थव्यवस्था को लगभग 684 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। मुल्क में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तन तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ( पीटीआई) के कार्यकर्ताओं ने कोहराम मचा दिया है। इससे निपटने के लिए पाकिस्तान सरकार को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस वजह से कई जगहों पर इंटरनेट सेवाओं को बंद करना पड़ा है। इमरान खान समर्थकों के लॉकडाउन का प्रभाव मुल्क के लिए बद्दतर साबित हुआ है।

प्याज-रोटी खाने को मोहताज पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था से उभरा भी नहीं था कि अब लॉकडाउन उसके लिए एक नई मुसीबत बन गया है। एससीओ सम्मलेन के दरमियान पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने तीन दिनों के अवकाश का ऐलान कर दिया है। इस दौरान वेडिंग हॉल, रेस्तरां, होटलों, कैफे और इस्लामाबाद के मार्केट भी बंद रहेंगे। साल 2022 में पाकिस्तान ने एससीओ बैठक का आयोजन किया था।

एससीओ सम्मेलन को लेकर भारत ने साफ किया रुख

इस्लामाबाद में एससीओ सम्मेलन में शामिल होने जा रहे विदेश मंत्री एस जयशंकर के जाने से पहले भारत ने अपना रूख साफ कर दिया है। भारत ने कहा है कि यह बहुपक्षीय कार्यक्रम है। सम्मेलन के दौरान भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चर्चा नहीं की जाएगी। विदेश मंत्री एसजयशंक ने कहा कि वह एससीओ के अच्छे सदस्य हैं। इस वजह से वह पाकिस्तान की मेजबानी में हो रहे इस सम्मेलन का हिस्सा बनने जा रहे हैं।

एससीओ सम्मेलन को लेकर पाकिस्तान मीडिया के सूत्रों के मुताबिक, सम्मेलन में रूस का 76 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और एससीओ के 7 प्रतिनिधि इस्लामाबाद जाएंगे। सम्मेलन की बैठक में चीन, किर्गिस्तान के प्रतिनिधमंडल भी शामिल होंगे।

Created On :   14 Oct 2024 4:42 PM IST

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