Antilia Case: ATS ने मनसुख हिरेन मौत की गुत्थी सुलझाने का दावा किया, दो सस्पेंड कॉन्स्टेबल और सट्टेबाज गिरफ्तार

Maharashtra: ATS claims to solve Mansukh Hiren death
Antilia Case: ATS ने मनसुख हिरेन मौत की गुत्थी सुलझाने का दावा किया, दो सस्पेंड कॉन्स्टेबल और सट्टेबाज गिरफ्तार
Antilia Case: ATS ने मनसुख हिरेन मौत की गुत्थी सुलझाने का दावा किया, दो सस्पेंड कॉन्स्टेबल और सट्टेबाज गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने एंटीलिया केस से जुड़े ठाणे के व्यापारी मनसुख हीरेन की मौत का केस सुलझाने का दावा किया है। ATS के DIG शिवदीप लांडे ने रविवार दोपहर को यह बात कही। ATS ने मनसुख की रहस्यमयी मौत के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें क्रिकेट सट्टेबाज नरेश आर. गोर (31), 2 महाराष्ट्र पुलिस से सस्पेंड कॉन्स्टेबल विनायक बी. शिंदे (51) और नरेश धारे शामिल हैं। ATS का कहना है कि मनसुख की हत्या के पीछे इन लोगों का हाथ है।

ATS के DIG शिवदीप लांडे ने इस मामले को अपने करियर के सबसे चुनौती भरे केस में से एक बताया। बता दें कि हिरेन की SUV स्कार्पियो, जिससे 20 जिलेटिन की छड़ें बरामद हुई थीं, उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास 25 फरवरी को मिली थी। बाद में 5 मार्च को मुम्ब्रा की खाड़ी से हिरेन की शव मिला था। उनकी पत्नी ने CIU के पूर्व अधिकारी सचिन बझे पर हत्या करवाने का आरोप लगाया था। 

पूर्व CM फडणवीस द्वारा इस मामले को विधानसभा में उठाने के बाद गृह मंत्री अनिल देशमुख ने हिरेन की मौत की जांच ATS को सौंप दी थी। केंद्र सरकार ने शनिवार को ही इस मामले की जांच NIA को सौंपी थी। गृह मंत्रालय से NIA जांच का नोटिफिकेशन जारी हुए एक दिन ही बीता है, तभी राज्य की ATS नेे मामले का खुलासा करने का दावा किया है।

एटीएस के अधिकारी ने कहा कि गोर ने शिंदे और अन्य मुख्य अभियुक्त सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) सचिन वाजे के उपयोग के लिए कथित तौर पर 5 मोबाइल सिम कार्ड खरीदे। गिरफ्तार-निलंबित वाजे वर्तमान में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में है।

छोटा राजन का करीबी था शिंदे, पैरोल पर था बाहर
नवंबर 2006 में रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया के फर्जी मुठभेड़ मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद शिंदे को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। लखन भैया के बारे में बताया जाता है कि वह माफिया डॉन राजेंद्र एस. निखलजे उर्फ छोटा राजन का बहुत करीबी था। उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। वह मई 2020 से पैरोल पर बाहर था। इसी दौरान वह वाजे के संपर्क में आया और कथित तौर पर उसकी अवैध गतिविधियों में मदद की। 

मास्टर माइंड का पता लगा रही ATS
एटीएस यह पड़ताल करने के लिए शिंदे-गोर की जोड़ी की जांच कर रही है कि इन अपराधों में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, इनका मास्टरमाइंड कौन है। एटीएस की जांच से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मची है।

Created On :   22 March 2021 1:07 AM IST

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