जानें उन हस्तियों को जो नहीं रहीं
- किसी की दुर्घटना तो किसी की बीमारी के चलते हुआ निधन
- देश की महान हस्तियां हुईं अलविदा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 2021 में देश की बड़ी हस्तियों का दुखद निधन हुआ है। कुछ लोगों की दुर्घटना, तो कईयों की बीमारी से निधन हो गया। देश में कुछ ऐसे लोगों का निधन हुआ, जिससे पूरा देश स्तब्ध रहा। उनमें से एक नाम सीडीएस जनरल विपिन रावत का है। वहीं न्यूज एंकर व पत्रकार रोहित सरदाना की इसी साल असामायिक मौत ने लोगों को झकझोर कर रख दिया, ऐसी तमाम हस्तिया हमारे बीच अब नहीं रहीं। आइए जानते हैं उन महान हस्तियों के बारे में जो अब इस दुनिया में हमारे बीच नहीं हैं।
सीडीएस विपिन रावत
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत की हेलिकॉप्टर दुर्घटना में 8 दिसंबर को दर्दनाक मौत हो गई थी। तमिलनाडु के कुन्नूर में सेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। जिसमें जनरल विपिन रावत व समेत 14 लोग सवार सवार थे। इस हेलिकॉप्टर में जनरल बिपिन रावत की पत्नी भी सवार थी, दुर्भाग्यवश वो भी इसी हादसे का शिकार हो गई थी। इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसें में कोई भी नहीं बचा था।
माधव सोलंकी
इस साल गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री माधव सिंह सोलंकी का निधन 94 साल की उम्र में निधन हो गया था। माधव सिंह का जन्म 30 जुलाई 1927 को हुआ था। बता दें कि माधव सिंह सोलंकी कांग्रेस के बड़े नेता थे और वह चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके थे। उनका जन्म एक कोली परिवार में हुआ था सोलंकी कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते थे। वह भारत के विदेश मंत्री भी रह चुके थे।
रोहित सरदाना
रोहित सरदाना भारत के सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले, ऊर्जावान एंकर थे, उनका हार्ट अटैक के चलते निधन हो गया था। उन्होंने डेढ़ दशक के अपने पत्रकारिता करियर में ऑल इंडिया रेडियो में बतौर उद्घोषक पहले अपनी आवाज घर-घर पहुंचाई और बाद ईटीवी, सहारा समय, जी न्यूज और फिर आजतक में विशेष तेवरों वाल एंकरिंग से घर-घर में अपनी पहचान बनाई थी। हरियाणा के कुरुक्षेत्र से आने वाले रोहित के नाम बेस्ट एंकर के NT Award और ENBA Award के साथ-साथ हिंदी पत्रकारिता का प्रतिष्ठित गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार भी है।
वीरभद्र सिंह
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह का 87 साल की उम्र में निधन हो गया था। शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली थी। उन्होंने दो बार कोरोना को मात दी थी। बाद में उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। बता दें कि वह छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हिमाचल की राजनीति में उनका कद कितना बड़ा था।
बूटा सिंह
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बूटा सिंह का निधन 86 साल की उम्र में हुआ था। बूटा सिंह को पिछले साल ब्रेन हेमरेज के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था और वह गत वर्ष अक्टूबर महीने से कोमा में थे। बूटा सिंह ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में केंद्रीय गृह मंत्री समेत कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं थी। इसके साथ ही वह बिहार के राज्यपाल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे।
विनोद दुआ
वरिष्ठ भारतीय पत्रकार विनोद दुआ का लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया था। गंभीर हालत में उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में एडमिट कराया गया था। बता दें कि लिवर में संक्रमण की वजह से दुआ आईसीयू में भर्ती थे, वरिष्ठ पत्रकार का अपोलो अस्पताल में निधन हुआ था। विनोद दुआ साल 1996 में रामनाथ गोयनका पत्रकारिता सम्मान पाने वाले पहले टीवी पत्रकार थे।
उन्हें केंद्र में मनमोहन सिंह सरकार के वक्त 2008 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। पत्रकारिता में सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए मुंबई प्रैस क्लब ने जून 2017 में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट रेड लिंक अवार्ड दिया था। दुआ का जन्म 11 मार्च 1954 को हुआ था। उनका परिवार पाकिस्तान के डेरा इस्माइल खान से विभाजन के वक्त दिल्ली आया था।
सुंदर लाल बहुगुणा
कोरोना वायरस की दूसरी लहर लगातार अपना कहर दिखा रही थी। एक के बाद एक कई बुरी खबरें सामने रही थी। इसी बीच एक हृदय विदारक खबर सामने आ गई कि मशहूर पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा का कोरोना के कारण निधन हो गया। वह कोरोना पॉजिटिव थे और उनका इलाज ऋषिकेश एम्स में किया जा रहा था। सुंदर लाल बहुगुणा मशहूर चिपको आंदोलन के प्रणेता भी रहे थे। बता दें कि सुंदर लाल बहुगुणा को कोरोना से संक्रमित होने के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था, वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली थी। सुंदर लाल बहुगुणा 94 साल थे।
सिदार्थ शुक्ला
टीवी के सुपरस्टार की बात हो तो सिद्धार्थ शुक्ला का नाम लेना एकदम सही था। बिग बॉस की जान कहें या दमदार व्यक्तित्व से सभी को प्रभावित करने वाले सिद्धार्थ शुक्ला 2 सितंबर को इस दुनिया को अलविदा कह गए। सिद्धार्थ शुक्ला की मौत की खबर ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया था। हर किसी के लिए इस बुरी खबर पर यकीन करना बेहद मुश्किल था।
सिद्धार्थ शुक्ला के निधन के तुरंत बाद गूगल से लेकर सोशल मीडिया पर सिद्धार्थ शुक्ला के फोटो वीडियो व उनकी मौत कैसे हुई या सिद्धार्थ शुक्ला की पत्नी से लेकर उनकी लेटेस्ट खबर तक, फैंस सिद्धार्थ के बारे में सबकुछ पढ़ना चाहते थे। बता दें सिद्धार्थ शुक्ला महज 40 साल के थे और उनकी शादी नहीं हुई थी हालांकि कई हस्तियों के साथ उनका नाम जरूर जुड़ा था।
ऑस्कर फर्नांडी
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ऑस्कर मंगलुरु में अंतिम सांस ली थी। 80 साल के ऑस्कर फर्नांडिस लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे और कुछ हफ्तों से उन्हें मंगलुरु के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसी साल योग करते हुए उन्हें 3 उन्हें चोट भी लग गई थी, इसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई थी।
यशपाल शर्मा
पूर्व क्रिकेटर और 1983 विश्व विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे यशपाल शर्मा का निधन हो गया। 66 साल के यशपाल शर्मा को दिल का दौरा पड़ा था। यशपाल शर्मा के निधन पर पूर्व कप्तान कपिल देव अपने आंसू नहीं रोक पाए। एक टीवी चैनल पर बात करते हुए कपिल रोने लगे थे। शर्मा भारतीय टीम के सिलेक्टर भी रहे थे। शर्मा ने भारत के लिए 37 टेस्ट मैचों में 1606 रन बनाए। उनका हाईएस्ट 140 रहा और औसत 33.45 रन था। वहीं वनडे क्रिकेट में उन्होंने 42 मैचों में 28.48 के औसत से 883 रन बनाए थे।
दिलीप कुमार
हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार का निधन हो गया। उन्हें पिछले महीने से ही सांस संबंधित समस्याएं बनी हुई थी। जिसके चलते उन्हें मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यही पर 98 वर्षीय दिलीप कुमार ने आखिरी सांस ली थी। दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर 1922 को पाकिस्तान में हुआ था और उनका पहला नाम यूसुफ खान था। बाद में उन्हें पर्दे पर दिलीप कुमार के नाम से शोहरत मिली थी। एक्टर ने अपना नाम एक प्रोड्यूसर के कहने पर बदला था, जिसके बाद उन्हें स्क्रीन पर दिलीप कुमार के नाम से लोग जानने लगे थे।
दिलीप कुमार को आठ फिल्मफेयर अर्वाड मिल चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा अवॉर्ड जीतने के लिए दिलीप कुमार का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। दिलीप कुमार को साल 1991 में पद्म भूषण और 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। 1994 तें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया। 2000 से 2006 तक वह राज्य सभा के सदस्य भी रहे। 1998 में वह पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज से भी सम्मानित किए गए थे।
Created On :   30 Dec 2021 9:00 PM IST