India-China Dispute: एलएसी पर उकसावे वाली हरकत नहीं करेगा चीन, सातवें दौर की वार्ता में दोनों पक्षों का शांति बनाए रखने पर जोर

India-China dispute: both sides insist on maintaining peace in seventh round of talks
India-China Dispute: एलएसी पर उकसावे वाली हरकत नहीं करेगा चीन, सातवें दौर की वार्ता में दोनों पक्षों का शांति बनाए रखने पर जोर
India-China Dispute: एलएसी पर उकसावे वाली हरकत नहीं करेगा चीन, सातवें दौर की वार्ता में दोनों पक्षों का शांति बनाए रखने पर जोर
हाईलाइट
  • चुशुल में दोनों देशों के बीच वरिष्ठ कमांडरों की सातवें दौर की बातचीत हुई
  • भारतीय सेना ने इस बातचीत को ईमानदार
  • व्यापक और रचनात्मक करार दिया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लद्दाख में एलएसी पर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच वार्ताओं का दौर जारी है। इसी क्रम में सोमवार को चुशुल में दोनों देशों के बीच वरिष्ठ कमांडरों की सातवें दौर की बातचीत हुई। भारतीय सेना ने इस बातचीत को ईमानदार, व्यापक और रचनात्मक करार दिया है। सेना ने कहा कि चर्चा के दौरान दोनों देशों में एक दूसरे के की स्थिति को लेकर आपसी समझ बढ़ी है। भारतीय सेना के प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण पर डिसइंगेजमेंट (सैनिकों का विघटन) पर विचार विमर्श किया गया।  

प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच हुए विचार सकारात्मक और रचनात्मक होने के साथ एक-दूसरे की स्थिति की समझ को और बेहतर करने वाले थे। दोनों पक्षों ने सैन्य और राजनयिक माध्यमों से वार्ताएं जारी रखने पर सहमति जताई। प्रवक्ता ने बताया कि वार्ता के दौरान दोनों पक्ष सैनिकों के विघटन के लिए जल्द से जल्द एक पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने की बात कही।

भारतीय सेना के प्रवक्ता ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि दोनों की पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि दोनों देशों के नेता जिस अहम सहमति पर पहुंचे हैं उसका पालन सुनिश्चित किया जाए। प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि किसी भी प्रकार के मतभेद को विवाद में न परिवर्तित किया जाए और संयुक्त रूप मिल कर से सीमा क्षेत्रों पर शांति सुनिश्चित की जाए।  

लद्दाख के इलाकों पर चीन की नजर
बता दें कि भारत और चीन के बीच पैंगोंग लेक, गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग सहित अन्य क्षेत्रों में चीनी सैनिकों के दाखिल होने से ये विवाद पैदा हुआ है। 15 जून की रात लद्दाख की गलवान वैली में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के एक कर्नल और 19 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 43 सैनिकों के मारे जाने की खबर आई थी। हालांकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोली नहीं चली। बातचीत के जरिए दोनों देश इस विवाद को सुलझानें की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक इसे पूरी तरह सुलझाया नहीं जा सका है।

डिसएंगेजमेंट के लिए तैयार हुए थे दोनों देश
30 जून को कोर कमांडर स्तर की मीटिंग में दोनों देश डिसएंगेजमेंट के लिए तैयार हुए थे। डिसएंगेजमेंट प्लान में तय हुआ था कि सेना धीरे-धीरे 2.5 से 3 किलोमीटर पीचे हटेगी और LAC के करीब बनाए गए मिलिट्री बिल्ड-अप को भी हटाया जाएगा। उधर, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने 5 जुलाई को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बात की थी। इस बातचीत में भी दोनों देशों के बीच सेना को फेज वाइज पीछे हटाने पर सहमति बनी। इसके बाद चीन की सेना पेट्रालिंग प्वाइंट 14, 15 और 17A पर टेंट और स्ट्रक्चर हटाते दिखाई दी थी। चीनी सेना ने अपने वाहनों को भी करीब 2 किलोमीटर पीछे हटा लिया था।

Created On :   13 Oct 2020 7:04 PM IST

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