India China: CDS रावत बोले- तिब्बत में इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही PLA,  हम किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार

CDS Rawat said - We are ready to deal with any situation
India China: CDS रावत बोले- तिब्बत में इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही PLA,  हम किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार
India China: CDS रावत बोले- तिब्बत में इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही PLA,  हम किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार
हाईलाइट
  • चीन की हरकत के बाद तैयारी जरूरी- रावत
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी भरी हुंकार
  • सीजफायर वॉयलेशन चिंता की बात- रावत

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने कहा कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) लद्दाख में चीन-भारत गतिरोध के बीच चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में विकास गतिविधियों को अंजाम दे रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और देश में भी वैसी ही गतिविधियां अंजाम दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि वे देश की सीमाओं की सुरक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। फिर चाहे वह धरती पर हो या आसमान में या फिर पानी में।

प्रोजेक्ट 17-A के तहत बनाए जा रहे फ्रिगेट वॉरशिप की खासियत है कि यह दुश्मन के रडार की पकड़ में नहीं आ सकता।

जनरल रावत ने सोमवार को रेडार की नजरों में न आने वाले स्वदेशी पोत ‘INS हिमगिरि’ के लॉन्च के मौके पर ये बातें कहीं। उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी एक अलग कार्यक्रम में कहा कि भारत अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए किसी का भी सामना करने को तैयार हो और यह हर चुनौती से निपटने में सक्षम है।

क्या है प्रोजेक्ट 17-A?
प्रोजेक्ट 17-A के तहत बनाए जा रहे फ्रिगेट वॉरशिप की खासियत है कि यह दुश्मन के रडार में नहीं आ सकता। GRSE के इस प्रोजेक्ट से भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा होगा। सोमवार को पहले वॉरशिप को CDS ने इसे लॉन्च किया। सूत्रों के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के तहत 3 वॉरशिप तैयार किए जाएंगे। दूसरा और तीसरा वॉरशिप साल 2024 और 2025 में मिलने की उम्मीद है।

चीन की हरकत के बाद तैयारी जरूरी
उन्होंने कहा कि कोरोना की आपदा के बीच चीन ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के उत्तर-पूर्वी बॉर्डर पर यथास्थिति बदलने की कोशिश की। जिसकी वजह से यह जरूरी था कि हमारी सेनाएं पूरी तैयारी के साथ हाई-लेवल पर अलर्ट रहें। उन्होंने कहा, मुझे पूरा भरोसा है कि हमारे सशस्त्र बल देश की सुरक्षा धरती, आसमान और पानी हर जगह करने में पूरी तरह सक्षम हैं।

नौसेना में पनडुब्बियों और विमान वाहक पोतों का अलग-अलग महत्व
रावत ने कहा कि नौसेना में पनडुब्बियों और विमान वाहक पोतों के अपने फायदे और नुकसान हैं। नौसेना में वायु इकाई की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि नौसैनिक युद्ध में पनडुब्बियों का अपना स्थान है, समुद्र में प्रभुत्व के लिए और इसी तरह विमान वाहक पोत का भी। उन्होंने कहा कि देश को समुद्री संचार क्षेत्रों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए द्वीपीय क्षेत्रों का उपयोग करना चाहिए। रावत ने कहा कि द्वीपों को नौसैनिक युद्धक विमानों की उड़ान के लिए विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

सीजफायर वॉयलेशन चिंता की बात
पाकिस्तान की ओर से लगातार किए जा रहे सीजफायर वॉयलेशन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए चिंता का सबब बना हुआ है। हमारी सेना उसका मुंहतोड़ जवाब दे रही है। हम पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपने सिस्टम में वॉरफाइटिंग टेक्नोलॉजी के भविष्य के बारे में सोचना होगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी भरी हुंकार
उधर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को उद्योग परिसंघ फिक्की की सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि चीन की पीएलए ने पूर्व लद्दाख में बिना उकसावे के आक्रामकता दिखाई, लेकिन भारतीय बलों ने डटकर मुकाबला किया तो वो कदम खींचने पर मजबूर हो गई।

Created On :   15 Dec 2020 5:42 AM IST

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