जितने करोड़ में बनी एवेंजर्स एंडगेम उतनी कीमत में चार बार पूरा हो सकता है चंद्रयान 3 मिशन, आदिपुरुष से भी कम है इस मिशन की कुल लागत
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंद्रयान-3 लॉन्चिंग के लिए तैयार है। बीते मंगलवार को चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग की रिहर्सल भी पूरी कर ली गई थी। बस अब इंतजार कल यानी शुक्रवार के दिन का है। जब चंद्रयान-3 पूरी दुनिया में भारत के लिए अपनी मिसाल पेश करेगा। चंद्रयान-3 शुक्रवार दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च होगी। यह चंद्रयान-2 का फॉलो-अप मिशन है, जिसकी सितंबर 2019 में सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामियों के चलते चंद्रमा पर क्रैश लैंडिंग हुई थी। ऐसे में अगर इसरो चंद्रयान-3 को चंद्रमा की धरती पर आसानी से लैंड कर देता है तो भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जायेगा। अब तक अमेरिका, रूस और चीन ने चंद्रमा पर अपने रोवर या फिर यान की सफल लैंडिंग करवाई है। यह भारत का तीसरा चंद्र मिशन है।
फिल्म से भी कम बजट में इसरो ने बनाया चंद्रयान-3
इससे पहले चंद्रयान-1 ने चंद्रमा पर पानी की खोज की थी। जिसका कुल बजट 386 करोड़ रुपए की थी। इसके अलावा चंद्रयान-2 मिशन में कुल बजट 978 करोड़ रुपए की थी। वहीं चंद्रयान-3 के बजट के बारे में बात करें तो इस मिशन में 615 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इससे ज्यादा बजट में बॉलीवुड इंडस्ट्री ने आदिपुरूष जैसी फिल्म बनाई है। हालांकि, इसरो कम बजट में अपने मिशन को पूरा करने के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। इसकी तारीफ आए दिन दुनियाभर के देश करते रहते हैं। बता दें कि, चंद्रयान-3 से महंगी हॉलीवुड की फिल्म एवेंजर्स एंडगेम है, जिसकी कुल लागत 2443 करोड़ रुपए थी। वहीं, अवतार 3282 करोड़ रुपए में बनाकर तैयार हुई है। ऐसे में सभी लोग हैरान है कि आखिर इसरो इतने कम पैसे में अपने मिशन को कामयाब कैसे बना देता है?
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खास बात यह है कि चंद्रयान-3 में ज्यादातर हिस्से स्वदेशी टेक्नोलॉजी से बने हुए हैं। जानकारी के मुताबिक, इसरो इस मिशन में 'Fat boy' LVM3-M4 रॉकेट की मदद ले रहा है। चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं है, इसलिए इसकी लागत कम लगी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इसकी जगह पर प्रोपल्शन मॉड्यूल यानी संचार उपग्रह की तरह काम करने वाला यंत्र लगाया है। जो रोवर के संदेश को भारत तक पहुंचाने का काम करेगा।
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Created On :   13 July 2023 6:02 PM IST