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Aarogya Setu App पूरी तरह है सुरक्षित, निजता में नहीं लगा सकता कोई सेंध: रवि शंकर प्रसाद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। "आरोग्य सेतु" एप पूरी तरह सुरक्षित है और इससे निजता में किसी तरीके से सेंध नहीं लगाई जा सकती। सरकार ने ये दावा किया है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बुधवार को यह ‘मोबाइल ऐप’ निजता की सुरक्षा एवं डेटा सुरक्षा के संदर्भ में पूरी तरह से मजबूत और सुरक्षित है।
दरअसल, फ्रांस के एक हैकर और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ इलियॉट एल्डरसन ने मंगलवार को दावा किया था कि ऐप में सुरक्षा से जुड़ा एक मुद्दा पाया गया है और नौ करोड़ भारतीयों की निजता को खतरा है। एक आधिकारिक बयान में इस ऐप को भारत के कोविड-19 से निपटने के प्रयासों में एक प्रमुख सुरक्षात्मक उपाय बताते हुए कहा गया है कि चार मई तक नौ करोड़ प्रयोगकर्ता इस ऐप को डाउनलोड कर चुके थे।
प्रसाद ने कहा, "यह भारत का प्रौद्योगिकीय आविष्कार है--इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, हमारे वैज्ञानिकों, एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र), नीति आयोग और कुछ निजी(संस्थानों) का-- जो कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिये पूरी तरह से एक जवाबदेह मंच है।"
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीते शनिवार को आरोप लगाया था कि "आरोग्य सेतु" ऐप एक अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली है, जिससे निजता एवं डेटा सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा था, "प्रौद्योगिकी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकती है, लेकिन (कोविड-19 के) इस डर का इस्तेमाल नागरिकों की सहमति के बगैर उन पर नजर रखने के लिये नहीं किया जाना चाहिए।"
प्रसाद ने राहुल के दावे का विरोध करते हुए, यह सुरक्षित है। डेटा इनक्रीप्टेड रूप में है। सर्वाधिक महत्वपूर्ण यह है कि यह जनहित में भारतीयों की सुरक्षा के लिये है क्योंकि यह आपको इस बारे में आगाह करती है कि आपके आसपास कहीं कोई कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति तो नहीं है।
सरकार ने पिछले सप्ताह सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल को अनिवार्य कर दिया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा था कि कोविड-19 नियंत्रण वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए यह मोबाइल ऐप अनिवार्य है। ग्लोबल पोजिशनिंग प्रणाली (जीपीएस) का इस्तेमाल करते हुए इस ऐप के जरिये कोरोना वायरस हॉटस्पॉट में कोविड-19 संक्रमित लोगों की आवाजाही निगाह रखी जा सकती है। हालांकि विपक्ष का आरापे है कि यह ऐप निगरानी के उद्देश्य से अधिक सूचनाएं जुटाती है।
Created On :   7 May 2020 2:02 PM IST