Yashoda Jayanti 2024: बच्चों की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है ये व्रत, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
- मैया यशोदा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है पर्व
- इस्कॉन मंदिरों और कृष्ण जी के सभी मंदिरों में होती है पूजा
- इस दिन पूजा करने और व्रत रखने से संतान की प्राप्ति होती है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती (Yashoda Jayanti) मनाई जाती है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण की मैया यशोदा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन दुनियाभर के इस्कॉन मंदिरों और कृष्ण जी के सभी मंदिरों में मां यशोदा और कृष्ण की पूजा और भजन, कीर्तन किए जाते हैं। वहीं भारत में विशेष रूप से यह पर्व गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में अधिक धूमधाम से मनाया जाता है।
यह व्रत माताओं के लिए काफी खास होता है, क्योंकि यह व्रत बच्चों की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि, इस दिन माता यशोदा और भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करने और व्रत रखने से संतान की प्राप्ति होती है। इस बार यशोदा जयंती 01 मार्च 2024, दिन शुक्रवार को मनाई जा रही है। आइए जानते हैं इस दिन की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में...
तिथि कब से कब तक
षष्ठी तिथि आरंभ: 1 मार्च 2024, शुक्रवार सुबह 6 बजकर 21 मिनट से
षष्ठी तिथि समापन: 2 मार्च 2024, शनिवार सुबह 7 बजकर 53 मिनट पर
पूजा की विधि
- इस विशेष जयंती पर ब्रम्ह मुहूर्त में स्नान कर साफ वस्त्र का धारण करें।
- भगवान सूर्य को जल देने के साथ ही व्रत का संकल्प लें।
- पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बुछाएं।
- माता यशोदा के गोद में विराजमान कृष्ण तस्वीर स्थापित करें।
- माता यशोदा को लाल चुनरी ओढ़ाएं।
- अब सुहाग का सामान, दीप, अक्षत, हल्दी, पीला वस्त्र, लाल चुनरी, लाल साड़ी, श्रृंगार सामग्री, सुहाग का समान, फूल, माला, फल, मिठाई, तुलसी, घी, पान, माखन का भोग लगाएं।
- गोपाल मंत्र का जाप करें। लड्डू गोपाल की आरती करें।
- इस दिन 11 कन्याओं को भोजन कराएं।
- पूजा संपन्न होने के बाद गाय को हरा चारा खिलाएं।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   1 March 2024 2:31 PM IST