Sawan Vinayak Chaturthi 2024: इस शुभ योग में करें बप्पा की आराधना, जानिए पूजा मुहूर्त और विधि

इस शुभ योग में करें बप्पा की आराधना, जानिए पूजा मुहूर्त और विधि
  • विनायक चतुर्थी 08 अगस्त, गुरुवार को है
  • इस दिन शिव योग और रवि योग बन रहा है
  • पूजा का मुहूर्त सुबह 11:07 बजे से शुरू होगा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में गणेश जी को प्रथम पूज्य देव के रूप में देखा जाता है और बप्पा कहकर पुकारा जाता है। वैसे तो बप्पा की पूजा के लिए सप्ताह में बुधवार का दिन शुभ माना गया है। लेकिन, विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) के दिन गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है। फिलहाल, सावन का महीना चल रहा है और इस महीने में आने वाले सभी व्रत और त्योहारों का बड़ा ही महत्व है। इस महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी आने वाली है और यह 08 अगस्त, गुरुवार को है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन जो व्यक्ति विधि-विधान से बप्पा की आराधना करता है, उन्हें सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस दिन शिव योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है। आइए जानते हैं मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में...

तिथि और मुहूर्त

चतुर्थी तिथि आरंभ: 07 अगस्त 2024, बुधवार की रात 10 बजकर 05 मिनट से

चतुर्थी तिथि समापन: 08 अगस्त, 2024 गुरुवार की देर रात 12 बजकर 36 मिनट तक

पूजा का मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 07 मिनट से दोपहर 01 बजकर 46 मिनट तक

पूजन विधि

- विनायक चतुर्थी पर स्नान कर गणेश जी के सामने दोनों हाथ जोड़कर मन, वचन, कर्म से इस व्रत का संकल्प करें।

- भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर अपना मुख रखें।

- भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र सामने रखकर किसी स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं।

- इसके बाद फल फूल, अक्षत, रोली और पंचामृत से भगवान गणेश को स्नान कराएं।

- इसके बाद पूजा करें और फिर धूप, दीप के साथ श्री गणेश मंत्र का जाप करें।

- इस दिन गणेश जी को तिल से बनी चीजों का भोग लगाएं।

- संध्या काल में स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण कर विधिपूर्वक धूप, दीप, अक्षत, चंदन, सिंदूर, नैवेद्य से गणेशजी का पूजन करें।

- इस दिन गणेश जी को लाल फूल समर्पित करने के साथ अबीर, कंकू, गुलाल, हल्दी, मेंहदी, मौली चढ़ाएं। मोदक, लड्डू, पंचामृत और ऋतुफल का भोग लगाएं।

- इसके बाद गणपति अथर्वशीर्ष, श्रीगणपतिस्त्रोत या गणेशजी के वेदोक्त मंत्रों का पाठ करें।

- फिर गणेश चतुर्थी की कथा सुने अथवा सुनाएं।

- गणपति की आरती करने के बाद अपने मन में मनोकामना पूर्ति के लिए ईश्वर से विनती करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   7 Aug 2024 12:11 PM GMT

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