सावन माह का पहला सोमवार: जानिए पहले सावन सोमवार की पूजन विधि और उपाय जिनको करने से बरसेगी महादेव की कृपा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सावन माह का पहला सोमवार आज यानी 10 जुलाई से प्रारंभ हो चुका है। सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि, सावन सोमवार में भगवान शिव की सच्चे मन से अराधना करने पर भोलेनाथ अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। कहा जाता है कि, सावन सोमवार के दिन, माता पार्वती ने भगवान शिव और सोमवार के विशेष संबंध के चलते सोलह सोमवार का व्रत रखा था। आइए जानते हैं सावन के पहले सोमवार से जुड़ी पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और उपाय के बारे में...
पूजा का महत्व
सावन सोमवार की पूजा से शादी से जुड़ी सभी प्रकार की समस्याओं जैसे शादी का योग न बनना और वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानी के लिए बेहद लाभकारी माना गया है। सावन के सोमवार की पूजा में शिवलिंग को जल और बेल पत्र चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके अलावा, यदी कुंडली में किसी भी प्रकार का कोई दोष हो या स्वास्थ, आयु या मानसिक स्थिति आदि समस्या चल रही हो तो सावन सोमवार की पूजा करने से वह सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
पूजन विधि
सावन सोमवार की पूजा शुरू करने के लिए सबसे पहले प्रात: उठकर स्नान करें। उसके बाद घर से लोटे में जल भरकर नंगे पैर मंदिर जाएं और शिवलिंग पर जल अर्पित करें। फिर भगवान को साष्टांग करें और खड़े होकर शिव मंत्र का 108 बार जाप करें। खाने के वक्त केवल फलाहार करें। सायंकाल के समय भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने के बाद आरती करें। फिर अगले दिन व्रत रखने से पहले वस्त्रों का दान करें।
शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें ?
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त सावन सोमवार के दिन शिवलिंग पर विभिन्न तरह की चीजें अर्पित करते हैं। शिवलिंग पर बेलपत्र, गंगाजल, धतूरा, भांग, कपूर, चंदन, रूद्राक्ष और भस्म चढ़ाते हैं। इन सब चीजों को शिवलिंग पर अर्पित करने से भाग्य बदल सकता है।
शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये चीजें ?
शिवलिंग पर शिव भक्तों द्वारा कुछ चीजों को अर्पित करना वर्जित माना गया है। शिवपुराण में हल्दी, सिंदूर, तुलसी दल, कुमकुम, रोली तिल, लाल रंग के फूल, केतकी या केवड़े के फूल और शंख से जल चढ़ाना को निषेध माना गया है।
सावन सोमवार के उपाय
पहले सावन सोमवार की पूजा प्रदोष काल में करना लाभकारी माना गया है। प्रदोष काल के समय शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएं और जल की धारा अर्पित करें। फिर शिवजी के मंदिर में घी का एक दीपक जलाएं। इसके बाद शिवलिंग की परिक्रमा लगाने के बाद भगवान शिव से मनोकामना हेतु वरदान मांगें।
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Created On :   10 July 2023 6:42 PM IST