Sawan Shivratri 2024: श्रावण शिवरात्रि पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, जानिए मुहूर्त और पूजा विधि

श्रावण शिवरात्रि पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, जानिए मुहूर्त और पूजा विधि
  • इस दिन पूजा करने से बाधाएं समाप्त होती है
  • शिवजी की आराधना से सुख-समृद्धि आती है
  • आज सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है

डिजिटल डेस्क, भोपाल। देवों के देव महादेव का प्रिय महीना सावन के दो सप्ताह बीत चुके हैं और इस दौरान शिवालयों से लेकर घरों तक में श्रद्धालु शिवजी को प्रसन्न करने के लिए भजन कीर्तन करते नजर आ रहे हैं। खास तौर पर सोमवार को आपको बम बम की गूंज सुनाई देती है, वहीं आज 02 अगस्त, शुक्रवार को सावन मास की​ शिवरात्रि में भक्तों का उत्साह दोगुना हो गया है। शास्त्रों में सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) का विशेष महत्व बताया गया है।

ऐसा माना जाता है कि, इस दिन शिवजी की पूजा करने से बाधाएं समाप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, आज सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। यह योग आज सुबह 10:59 से लेकर 3 अगस्त सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक रहने वाला है। आइए जानते हैं इस पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में...

सावन शिवरात्रि मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4 बजकर 31 मिनट से 5 बजकर 15 मिनट तक

विजय मुहूर्त: दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से 3 बजकर 37 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त: शाम 07 बजकर 08 मिनट से 08 बजकर 13 मिनट तक

निशिता मुहूर्त: रात 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक

सावन शिवरात्रि पूजा सामग्री

बेलपत्र, धतूरा, भांग, बेर, गुलाल और सफेद चंदन, दूध दही, कपूर, धूप, दीप, रूई, शहद, घी,पंच फल, गन्ने का रस, गंगाजल, और श्रृंगार की सामग्री।

सावन शिवरात्रि पूजा विधि

शिव चतुर्दशी व्रत में महादेव शिव के साथ माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय जी एवं शिवगणों की पूजा की जाती है। शिव जी की पूजा में प्रथम भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। उनके अभिषेक में जल, दूध, दही, शुद्ध घी, शहद, शक्कर या चीनी, गंगाजल तथा गन्ने के रसे आदि से अभिषेक किया जाता है। अभिषेक करने के बाद बेलपत्र, समीपत्र, कुशा तथा दुर्बा आदि चढ़ाकर शिवजी को प्रसन्न करते हैं।

पूजा के अंत में गांजा,भांग, धतूरा तथा श्री फल(नारियल) शिव जी को भोग के रुप में समर्पित किया जाता है। शिव चतुर्दशी के दिन पूरा दिन निराहार रहकर इनके व्रत का पालन किया जाता है। शिव चतुर्दशी के दिन रात्रि के समय शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   2 Aug 2024 5:31 AM GMT

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