Papankusha Ekadashi: भगवान विष्णु की पापांकुशा एकादशी पर इस विधि से करें पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त

भगवान विष्णु की पापांकुशा एकादशी पर इस विधि से करें पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त
  • भगवान विष्णु की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं
  • श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को इस एकादशी का महत्व बताया था
  • पांपाकुशा एकादशी व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है

डिजिटल डेस्क, भोपाल। शारदीय नवरात्रि के समापन के बाद यानि कि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) के नाम से जाना जाता है। इसे सभी व्रतों से उत्तम माना गया है और यह दिन सृष्टि के कर्ताधर्ता भगवान श्रीविष्णु को स​मर्पित है। मान्यता है कि, जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखने के साथ ही सच्चे मन से श्रीहरि की पूजा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस वर्ष यह एकादशी 14 अक्टूबर, सोमवार को है।

पुराणों के अनुसार, महाभारत काल में स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को पापांकुशा एकादशी का महत्व बताते हुए कहा था कि यह एकादशी पाप का निरोध करती है। इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति इस लोक के सुखों को भोगते हुए मोक्ष को प्राप्त करता है। आइए जानते हैं इस दिन की पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त...

शुभ मुहूर्त

तिथि आरंभ: 13 अक्टूबर 2024, रविवार की सुबह 9 बजकर 8 मिनट से

तिथि समाप्‍त: 14 अक्टूबर 2024, सोमवार की सुबह 6 बजकर 41 मिनट तक

कब है एकादशी: जो लोग उदया तिथि के अनुसार, एकादशी व्रत करते हैं वे 14 तारीख को यह व्रत रखेंगे, वहीं कुछ लोग यह व्रत 13 तारीख को रख रहे हैं।

ऐसे करें पूजा

- सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें।

- घर के मंदिर की सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करें।

- इस दिन प्रातः काल या सायं काल श्री हरि के पद्मनाभ स्वरुप का पूजा करें।

- एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा विछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

- भगवान को पुष्प, अक्षत और रोली चढ़ाएं।

- भगवान विष्णु को उनका प्रिय भोग और ऋतु फल अर्पित करें।

- शुद्ध घी का दीपक और अगरबत्ती या धूप जलाएं

- भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।

- इस दिन भगवान विष्णु की कथा सुनें।

- पूजा के अंत में श्रीहरि की आरती करें।

इन चीजों का लगाएं भोग

पापांकुशा एकदशी के दिन भगवान विष्णु को पंचामृत का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा आप केसर की खीर या पंजीरी का भोग भी लगा सकते हैं। मान्यता है कि भोग लगाने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष /वास्तुशास्त्री/अन्य) की सलाह जरूर लें।

Created On :   12 Oct 2024 5:55 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story