साल के आखिरी प्रदोष व्रत पर इस विधि से करें पूजा, जानें मुहूर्त
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर माह शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। वैसे तो देवों के देव महादेव यानी कि भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए वैसे तो सालभर कई व्रत किए जाते हैं। वहीं सोमवार का दिन शंकर जी की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। लेकिन माना जाता है कि, प्रदोष व्रत में भोलेनाथ की पूजा से उन्हें जल्दी प्रसन्न किया जा सकता है। इस बार प्रदोष व्रत आज यानी कि 21 दिसंबर को पड़ रहा है, जो कि इस साल 2022 का आखिरी प्रदोष व्रत है।
शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी शुभारंभ: 21 दिसंबर रात 12 बजकर 45 मिनट से
त्रयोदशी समापन: 21 दिसंबर रात 10 बजकर 16 मिनट तक
प्रदोष काल: शाम 05 बजकर 15 मिनट से 07 बजकर 56 मिनट तक
पूजा विधि
- सुबह सूर्योदय से पूर्व उठें और स्नानादि से निवृत्त हों।
- साफ वस्त्र धारण करें और भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं।
- इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
- भगवान शिव, पार्वती और नंदी को पंचामृत और जल से स्नान कराएं।
- फिर गंगाजल से स्नान कराकर बेल पत्र, गंध, अक्षत, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, भोग, फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ाएं।
- फिर शाम के समय जब सूर्यास्त होने वाला होता है उस समय सफेद वस्त्र धारण करके भगवान शिव की पूजा करें।
- विभिन्न फूलों, बेलपत्रों से शिव को प्रसन्न करें।
- शिव जी की पूजा करते समय शिव पुराण और शिव स्तुति करें।
- शिवजी की पूजा के बाद आरती, भजन करें। इससे शिवजी भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं।
Created On :   19 Dec 2022 10:19 PM IST