सावन सोमवार: इस व्रत को करने से मिलते हैं ये लाभ, जानें व्रत एवं पूजा विधि

These benefits are met by doing Sawan Monday fast, learn worship
सावन सोमवार: इस व्रत को करने से मिलते हैं ये लाभ, जानें व्रत एवं पूजा विधि
सावन सोमवार: इस व्रत को करने से मिलते हैं ये लाभ, जानें व्रत एवं पूजा विधि

डिजिटल डेस्क। हिन्दू धर्म में सावन माह का अत्यधिक महत्व है, वहीं सावन सोमवार का महत्व इससे भी ज्यादा। देवों के देव महादेव शिव शंकर की पूजा के लिए सावन माह के सोमवार को खास माना जाता है। इन दिनों में भगवान शिव को विधि विधान से पूजा कर प्रसन्न करने का शुभ असवर होता है। इस बार श्रावण मास में चार सोमवार पड़ रहे हैं, जिसे शुभ माना जा रहा है। पहला सोमवार 22 जुलाई यानी कि आज है, वहीं इस बार शिवरात्रि भी 30 जुलाई को है।

माना जाता है कि सावन सोमवार के दिन व्रत रहने से संतान सुख, धन, निरोगी काया और मनोवांछित जीवन साथी प्राप्त होता है, साथ ही दाम्पत्य जीवन के दोष और अकाल मृत्यु जैसे संकट दूर हो जाते हैं। आइए जानते है कि श्रावण के महीने में किस प्रकार भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं। 

इस बार कुल चार सोमवार

22 जुलाई: सावन का पहला सोमवार।

29 जुलाई: सावन का दूसरा सोमवार।

05 अगस्त: सावन का तीसरा सोमवार।

12 अगस्त: सावन का चौथा सोमवार।

30 जुलाई: शिवरात्रि

सावन सोमवार व्रत एवं पूजा विधि

सावन सोमवार व्रत रखने वाले लोगों को इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। इसके बाद दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होने के बाद स्नान करना चाहिए। श्रद्धालू साफ वस्त्र पहनकर पूजा घर या शिवालय अथवा मंदिर जाएं। यहां भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग को स्वच्छ जल से धोकर साफ कर लें। फिर तांबे के लोटे या अन्य किसी पात्र में जल भरें और उसमें गंगा जल मिला लें। इसके बाद उस जल से भगवान शिव का जलाभिषेक करें। 

भवान शिव को सफेद फूल, अक्षत्, भांग, धतूरा, सफेद चंदन, गाय का दूध, धूप आदि अर्पित करें। वहीं प्रसाद में फल और मिठाई का उपयोग करें। पूजा के दौरान भगवान शिव के ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। शिव चालीसा का पाठ करें। भगवान शिव की आरती करें। आरती के बाद प्रसाद ग्रहण कर पारण कर सकते हैं। दिन में फल का सेवन कर सकते हैं।

ध्यान रखें ये बात
भगवान शिव की पूजा करते समय ध्यान रखें कि तुलसी का पत्ता, हल्दी और केतकी का फूल कभी अर्पित न करें। माना जाता है कि इससे भगवान शिव अप्रसन्न हो जाते हैं जिससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है। 


 

Created On :   20 July 2019 10:36 AM IST

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