आज है शनि प्रदोष व्रत, शुभ मुहूर्त में करें शिव की आराधना, जानें पूजा की विधि
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर साल फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, वहीं इस साल इस दिन शनि प्रदोष का संयोग भी बना है। बता दें कि, शनि प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार शनि प्रदोष व्रत 18 फरवरी, शनिवार को है। मान्यता है कि यह व्रत करने के शनि दोष भी दूर होते हैं। शनि प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को करने के विधान है। बता दें कि, प्रत्येक माह में दो त्रयोदशी तिथि पड़ती है। इन दोनों तिथियों को प्रदोष व्रत रखा जाता है।
शनिवार होने की वजह से इस दिन व्रती को शनि महाराज के निमित्त पीपल में जल देना चाहिए। शनि स्तोत्र और चालीसा का पाठ करना भी इस दिन शुभ रहता है। कहा जाता है कि शनि त्रयोदशी शनि देव की जन्म तिथि है। इसलिए इस दिन शनि से संबंधित उपाय भी किए जाते हैं। आइए जानते हैं शनि प्रदोष व्रत की पूजा विधि और महत्व।
शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 17 फरवरी, शुक्रवार, रात 11:36 बजे से
त्रयोदशी तिथि समापन: 18 फरवरी, शनिवार, रात 08:02 बजे पर
पूजा का शुभ मुहूर्त: आज, शाम 06:03 बजे से रात 08:02 बजे तक
पूजा विधि
- सुबह स्नान के बाद भगवान शिव, पार्वती और नंदी को पंचामृत और जल से स्नान कराएं। फिर गंगाजल से स्नान कराकर बेल पत्र, गंध, अक्षत (चावल), फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ाएं।
- इसके बाद शाम के समय जब सूर्यास्त के बाद सफेद वस्त्र धारण करके भगवान शिव की पूजा करें।
- विभिन्न फूलों, बेलपत्रों से शिव को प्रसन्न करें।
- शिवजी की पूजा के बाद आरती, भजन करें, इससे शिवजी भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   18 Feb 2023 5:37 PM IST