इस विधि से करें पूजा, जानें शुभ मुहूर्त
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू पंचांग के अनुसार हर माह की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत आता है। सावन माह का आखिरी प्रदोष व्रत 20 अगस्त 2021, शुक्रवार को है। इस दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत को रखने से भक्तों के अन्दर सकारात्मक विचार आते हैं और वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।
बता दें कि प्रत्येक माह में दो प्रदोष आते हैं, वहीं दिन के नाम के तहत इसका नाम होता है। जैसे सोमवार को आने पर सोम प्रदोष, इसी तरह बुधवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष व्रत कहते हैं। आइए जानते हैं सावन माह में आने वाले इस व्रत की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त...
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शुभ मुहूर्त
तिथि प्रारंभ: 20 अगस्त, रात 08 बजकर 50 मिनट से
तिथि समाप्त: 20 अगस्त, दोपहर 03 बजकर 32 मिनट तक
प्रदोष व्रत की विधि
- प्रदोष व्रत करने के लिए व्रती को त्रयोदशी के दिन सुबद सूर्योदय से पहले उठना चाहिए।- नित्यकर्मों से निवृ्त होकर भोले नाथ का स्मरण करें।
- व्रत में आहार नहीं लिया जाता है।
- पूरे दिन उपावस रखने के बाद सूर्यास्त से पहले स्नानादि कर श्वेत वस्त्र धारण करें।
- पूजन स्थल को शुद्ध करने के बाद गाय के गोबर से लीपकर, मंडप तैयार करें।
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- इस मंडप में पांच रंगों का उपयोग करते हुए रंगोली बनाएं।
- उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें और भगवान शिव का पूजन करें।
- पूजन में भगवान शिव के मंत्र "ऊँ नम: शिवाय" का जाप करते हुए जल चढ़ाएं।
Created On :   17 Aug 2021 5:41 PM IST