इस व्रत को करने से सभी तरह के कष्ट होंगे दूर, जानें पूजा विधि

Sankashti Chaturthi: Troubles will be removed from this fast, know worship method
इस व्रत को करने से सभी तरह के कष्ट होंगे दूर, जानें पूजा विधि
संकष्टी चतुर्थी इस व्रत को करने से सभी तरह के कष्ट होंगे दूर, जानें पूजा विधि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू पंचाग के अनुसार, प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। वहीं मार्गशीर्ष माह में ये व्रत 12 नवंबर यानी कि आज शनिवार को है। इस व्रत में भगवान गणेश की पूजा की जाती है और रात को चंद्र देव की अर्घ्य अर्पित कर व्रत का पारण किया जाता है। इस व्रत को सभी कष्टों का हरण करने वाला माना जाता है। 

माना जाता है कि, इस दिन व्रत और भगवान गणेश की आराधना करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही किसी भी कार्य को करने में आ रही रुकावट दूर हो जाती है। व्रत को पूर्ण करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को सुख- समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि...

शुभ मुहूर्त 
चतुर्थी तिथि आरंभ: 11 नवंबर रात आठ बजकर 17 मिनट से 
चतुर्थी तिथि समापन: 12 नवंबर रात 10 बजकर 25 मिनट तक 

पूजन विधि
- सबसे पहले सुबह स्नान कर साफ और धुले हुए कपड़े पहनें। 
- पूजा के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित करें। 
- चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा पहले बिछा लें।
- भगवान के सामने हाथ जोड़कर पूजा और व्रत का संकल्प लें।
- बप्पा को जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें।
- ओम ‘गं गणपतये नम:’ मंत्र बोलते हुए गणेश जी को प्रणाम करें।
- इसके बाद एक थाली या केले का पत्ता लें, इस पर आपको एक रोली से त्रिकोण बनाना है।
- त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें। इसी के साथ बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च को रखें।
- पूजन के बाद चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें. पूजन के बाद लड्डू प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।

 

Created On :   12 Nov 2022 10:15 AM GMT

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