विकट संकष्टी चतुर्थी: इस विधि से करें श्री गणेश की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रथम पूज्य श्री गणेश की पूजा किसी भी शुभ कार्य के पहले की जाती है। लेकिन इनकी पूजा का महत्व संकष्टी चतुर्थी पर और भी अधिक बढ़ जाता है। इस माह विकट संकष्टी चतुर्थी 30 अप्रैल, शुक्रवार के दिन है। इस दिन गणपति महाराज की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी का आशय संकट को हरने वाली चतुर्थी तिथि से है।
मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश जी और शिव परिवार की पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वहीं वैशाख मास में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व बताया गया है। आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी का महत्व और पूजन विधि...
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संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ: 29 अप्रैल 2021 को रात 10:09 बजे से
चतुर्थी तिथि समाप्त: 30 अप्रैल 2021 को शाम 07:09 बजे
पूजन विधि
- सबसे पहले सुबह स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद संकष्टी चतुर्थी व्रत का संकल्प लें।
- पूजा के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित करें।
- चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा पहले बिछा लें।
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- भगवान के सामने हाथ जोड़कर पूजा और व्रत का संकल्प लें और फिर उन्हें जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें।
- अक्षत और फूल लेकर गणपति से अपनी मनोकामना कहें, उसके बाद ओम ‘गं गणपतये नम:’ मंत्र बोलते हुए गणेश जी को प्रणाम करें।
- इसके बाद एक थाली या केले का पत्ता लें, इस पर आपको एक रोली से त्रिकोण बनाएं।
- त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें, इसी के साथ बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च को रखें।
- पूजन के बाद चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें। पूजन के बाद लड्डू प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।
Created On :   29 April 2021 12:27 PM IST