संकष्ट्री चतुर्थी 2020: आज ऐसे करें श्री गणेश की पूजा, कष्टों से मिलेगी मुक्ति

Sankashti Chaturthi 2020: Worship Shri Ganesh today, will get relief from suffering
संकष्ट्री चतुर्थी 2020: आज ऐसे करें श्री गणेश की पूजा, कष्टों से मिलेगी मुक्ति
संकष्ट्री चतुर्थी 2020: आज ऐसे करें श्री गणेश की पूजा, कष्टों से मिलेगी मुक्ति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रथम पूज्य श्री गणेश की पूजा से सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न होते हैं। वैसे तो हर कार्य के पहले इनकी पूजा की जाती है, लेकिन संकष्टी चतुर्थी पर विधि विधान से पूजा करने पर गणेश जी की कृपा सदैव ही बनी रहती है। इस माह 8 जून यानी कि आज सोमवार को संकष्टी चतुर्थी है। संकष्टी चतुर्थी को सभी कष्टों का हरण करने वाला माना जाता है। माना जाता है कि इस पूजा से श्री गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है। जिससे जीवन में सुख संपदा आती है और सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

चंद्रोदय का समय
चंद्रोदय के बाद संकष्टी की पूजा का विधान है। 8 जून, सोमवार यानि कि आज रात 09 बजकर 56 मिनट पर चंद्रोदय होगा। जिसके बाद भक्त श्री गणेश की पूजा करेंगे। 

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व्रत विधि:
इस दिन व्रत रखा जाता है और और चंद्र दर्शन के बाद उपवास तोड़ा जाता है। व्रत रखने वाले जातक फलों का सेवन कर सकते हैं। साबूदाना की खिचड़ी, मूंगफली और आलू भी खा सकते हैं। मान्‍यता है कि संकष्टी चतुर्थी संकटों को खत्म करने वाली चतुर्थी है। इस व्रत का समापन चन्द्रमा के दर्शन करने के बाद किया जाना चाहिए। 

पूजन विधि
- सबसे पहले सुबह स्नान कर साफ और धुले हुए कपड़े पहनें। 
- इसके बाद पूजा के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित करें। 
- इस दौरान चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा पहले बिछा लें।
- भगवान के सामने हाथ जोड़कर पूजा और व्रत का संकल्प लें। 
- इसके बाद भगवान श्री गणेश को जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें। 

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- अक्षत और फूल लेकर गणपति से अपनी मनोकामना कहें, इसके बाद ओम ‘गं गणपतये नम:’ मंत्र बोलते हुए गणेश जी को प्रणाम करें।
- इसके बाद एक थाली या केले का पत्ता लें, इस पर आपको एक रोली से त्रिकोण बनाएं।
- त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें।
- इसी के साथ बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च को रखें।
- पूजन उपरांत चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें।
- पूजा के आखिर में भगवान गणेश की पूजा-आरती करनी चाहिए।
- इसके बाद लड्डू प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।

Created On :   8 Jun 2020 10:20 AM IST

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