रवि प्रदोष व्रत: इस पूजा से मिलेगी देवों के देव महादेव शिव की महाकृपा 

Ravi Pradosh Vrat: This worship gives blessings of Mahadev Shiva
रवि प्रदोष व्रत: इस पूजा से मिलेगी देवों के देव महादेव शिव की महाकृपा 
रवि प्रदोष व्रत: इस पूजा से मिलेगी देवों के देव महादेव शिव की महाकृपा 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देवों के देव महादेव शिव का पूजन के लिए सोमवार का दिन उत्तम माना गया है। लेकिन इसके अलावा सालभर में कई शुभ योग ऐसे होते हैं, जब भगवान शिव अपने भक्तों पर जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। इन्हीं में से एक है प्रदोष व्रत, जो कि इस रविवार 16 अगस्त को है। रविवार को आने के ​कारण इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है। रवि प्रदोष व्रत से कोई भी भक्त अपने मन की इच्छा को बहुत जल्द पूरा कर सकता है।

ज्योतिष अनुसार व्रत को करने से जीवन की अनेक समस्याएं दूर की जा सकती हैं। रवि प्रदोष व्रत करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और इस दिन किस विधि से करें भगवान शिव की उपासना, आइए जानते हैं...

 भाद्रपद मास 2020: कृष्ण जन्माष्टमी और हरतालिका तीज सहित इस माह में आएंगे ये प्रमुख व्रत और त्यौहार

ऐसे करें भगवान शिव की पूजा
- इस दिन सूर्य उदय होने से पहले उठें। नहा धोकर साफ हल्के सफेद या गुलाबी कपड़े पहनें।
- सूर्य नारायण जी को तांबे के लोटे से जल में शक्कर डालकर अर्घ्य दें।
- सारा दिन भगवान शिव के मन्त्र ॐ नमः शिवाय मन ही मन जाप करते रहें और निराहार रहें।
- सांध्य के समय प्रदोष काल में भगवान शिव को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से स्न्नान कराएं।
- शुद्ध जल से स्न्नान कराकर रोली मौली चावल धूप दीप से पूजन करें।
- साबुत चावल की खीर और फल भगवान शिव को अर्पण करें।
- आसन पर बैठकर ॐ नमः शिवाय मन्त्र या पंचाक्षरी स्तोत्र का 5 बार पाठ करें।

 मोर पंख के इन 10 प्रयोगों से आपकी परेशानियां होंगी खत्म

रवि प्रदोष व्रत में बरतें ये सावधानियां
- घर में और घर के मंदिर में साफ सफाई का ध्यान रखें।
- साफ-सुथरे कपड़े पहन कर ही भगवान शिव और सूर्य की पूजा करें।
- सारे व्रत विधान में मन में किसी तरीके का गलत विचार ना आने दें।
- अपने गुरु और पिता के साथ सम्मान पूर्वक व्यवहार करें।
- राविप्रदोष व्रत विधान में अपने आप को भगवान शिव को समर्पण कर दें।

Created On :   14 Aug 2020 5:36 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story