भगवान शिव और सूर्य देव की कृपा पाने के लिए खास है रवि प्रदोष व्रत

Ravi Pradosh fast is special to get the blessings of Lord Shiva and Sun God
भगवान शिव और सूर्य देव की कृपा पाने के लिए खास है रवि प्रदोष व्रत
धर्म भगवान शिव और सूर्य देव की कृपा पाने के लिए खास है रवि प्रदोष व्रत

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। प्रदोष व्रत को हर माह की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार का प्रदोष व्रत 12 जून रविवार के दिन मनाया जाएगा। इसलिए इस व्रत को रवि प्रदोष व्रत भी कहा जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव शंकर की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाता है और उनकी जो भी मनोकामना होती है वह सब पूरी हो जाती है। 

 इस बार का प्रदोष व्रत रवि प्रदोष व्रत है। हिंदू धर्म में रविवार का दिन सूर्य भगवान का माना जाता है। इसलिए इस बार प्रदोष व्रत करने से  माता पार्वती, भगवान शिव के साथ - साथ सूर्य भगवान की कृपा भी प्राप्त होगी। इस व्रत को करने से माता पार्वती और भगवान शिव की कृपा से उनके सारे कष्ट मिट जाते है। इसी के साथ उनकी सभी मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद भी मिलता है। वहीं सूर्य देव की कृपा से भक्तों की सेहत अच्छी रहेगी और उन्हें दीर्घायु होने का वरदान प्राप्त होगा। 

रवि प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी तिथि 12 जून की दोपहर बाद 3:23 बजे से शुरू होकर 13 जून को दोपहर बाद 12:26 मनाई जाएगी। प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 12 जून सुबह 7 से 9:30 बजे तक का है। रवि प्रदोष व्रत के दिन शिव योग और सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इन दो योगों को ज्योतिष के अनुसार बहुत ही शुभ माना गया है। इस योग में किए गए सभी कार्य अति शुभ फलदायी होता है। 

रवि प्रदोष व्रत पूजा विधि 
रवि प्रदोष व्रत के दिन स्नान कर के सूर्य देव को जल अर्पित करें। जल अर्पित करते समय ओम् सूर्याय नमः का जाप जरुर करना चाहिए। इसके बाद शाम को प्रदोष काल के समय भगवान शिव की पूजा करें। पूजा के दौरान ओम् नमः शिवाय मंत्र का जाप जरुर करें। इसके बाद भगवान शिव को पंचामृत से स्नान कराएं। फिर भगवान को चावल की खीर और फल अर्पित करें। इसके बाद शिवजी की आरती कर प्रसाद ग्रहण करें।  

भगवान शिव का मंत्र

ओम् नमः शिवाय 

 

डिसक्लेमर- ये जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। भास्कर हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है।

 

Created On :   7 Jun 2022 11:34 AM IST

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