इस व्रत को करने से मिलेगी भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह में दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिन्दू कैलेंडर के प्रथम माह चैत्र का पहला प्रदोष व्रत 19 मार्च 2023 दिन रविवार को रखा जा रहा है। इस दिन रविवार होने की इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। हिन्दू धर्म के मुताबिक यह प्रदोष व्रत कलियुग में भगवान शिव की कृपा प्रदान करने वाला और अत्यधिक मंगलकारी माना गया है। रवि प्रदोष व्रत से कोई भी भक्त अपने मन की इच्छा को बहुत जल्द पूरा कर सकता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो जातक सच्चे मन से प्रदोष व्रत करते हुए महादेव की पूजा.अर्चना करते हैं भोलेशंकर उस भक्त की मनोकामनाएं पूरी करते हैं और उस पर कृपा करते हैं। मान्यता है कि जो व्यक्ति काफी समय से रोग से ग्रसित है, उसे रवि प्रदोष व्रत करना चाहिए। प्रदोष व्रत वाले दिन व्रत रखकर पूजन करने से भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
पूजा का मुहूर्त
त्रियोदशी तिथि आरंभ: 19 मार्च, सुबह 8 बजकर 8 मिनट से
त्रियोदशी तिथि समापन: 20 मार्च शाम 4 बजकर 56 मिनट तक
पूजा का समय: 19 मार्च शाम 6 बजकर 35 से 8 बजकर 55 मिनट तक
प्रदोष महत्व
कष्टों से मुक्ति पाने के लिए प्रदोष व्रत बहुत लाभकारी माना जाता है। इस व्रत को करने से समस्त दोष खत्म हो जाते हैं। लोगों का मानना है, कि प्रदोष के समय महादेव कैलाश पर्वत के रजत भवन में नृत्य करते हैं। भोलेनाथ की कृपा पाने का ये सर्वश्रेष्ठ समय होता है क्योंकि वो इस समय बहुत ही प्रसन्न मुद्रा होते हैं।
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Created On :   18 March 2023 1:45 PM GMT