श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर करें इन मंदिरों में दर्शन और लीजिए भगवान का आशीर्वाद
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी को मनाया जाएगा। उदया तिथि में अंतर आने की वजह से इस पर्व को कई स्थानों पर 18 अगस्त को मनाया गया तो वहीं कई जगह 19 अगस्त गुरुवार को मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी के दिन लोग व्रत रखने के साथ ही कृष्णभक्त मंदिरों में जाकर श्री कृष्ण की विधि विधान से पूजा करते हैं।
आइए जानते हैं देश के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में जो प्रसिद्ध हैं और जन्माष्टमी के दिन इन स्थानों पर पहुंचकर भक्त भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
1. मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मंदिर
यह मंदिर श्री कृष्ण जी की जन्म भूमी पर बना है जो कि मथुरा के बीचों- बीच में स्थित है। यह मथुरा रेलवे स्टेशन से 4 किलो की दूरी पर है। कृष्ण जी का जन्म कंस के कारागार में हुआ था इसलिए मंदिर के अन्दर आज भी कारागार जैसी संरचना देखी जा सकती है।
2. श्री द्वारिकाधीश मंदिर
गुजरात का द्वारिकाधीश मंदिर अपने आप में ही खास है। कृष्ण जी का यह मंदिर जगत मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। गुजरात के द्वारिका जिले में द्वारिका रेलवे स्टेशन से 2.1 किमी की दूरी पर है।
ये भी पढ़ेंः- जन्माष्टमी 2022: जानें भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के बारे में, जिनसे अनभिग्य हैं आप
3. जगन्नाथ स्वमी मंदिर
पुरी का जगन्नाथ स्वमी मंदिर ओडिशा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी में है। यह पुरी रेलवे स्टेशन से 6 किमी की दूरी पर है। यह हिन्दूओं के चार धामों में से एक है यहां भगवान श्रीकृष्ण, बलराम अपनी बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं। इस मंदिर में सिर्फ हिन्दू प्रवेश कर सकते हैं।
4. खाटू श्याम का मंदिर
राजस्थान के सीकर जिले के खाटु नामक गांव में स्थित खाटू श्याम जी का यह मंदिर विश्व प्रसिध्द है। हिन्दू धर्म में खाटू श्याम जी को श्री कृष्ण जी का कलियुग में अवतार माना जाता है। मान्यता है कि यहां जो कुछ भी मांगा जाता है खाटू श्याम जी भक्त की मनोकमना को पूरा कर देते हैं।
5. गोकुल
ऐसा कहा जाता है कि पूरा गोकुल ही मंदिर है, लेकिन इसके कुछ प्रसिद्ध मंदिर भी हैं। चौरासी खम्भो का मंदिर, नंदेश्वर महादेव मंदिर, मथुरा नाथ मंदिर, द्वारिका नाथ मंदिर आदि कई सारे मंदिर हैं। यह मथुरा से 10.2 किमी की दूरी पर स्थित हैं।
6. वृन्दावन
यह स्थान भगवान श्री कृष्ण जी की बाल लीलाओं का स्थान माना जाता है। मथुरा से वृंनदावन की दूरी 14.4 किमी है यहां जाने के लिए ट्रेन व सड़क मार्ग दोनों जगह से जा सकते हैं। यहां कई सारे मनमोहक मंदिर हैं इनमें बांके बिहारी मंदिर, प्रेम मंदिर, इस्कॉन वृंदावन मंदिर, राधा रमण मंदिर, प्रियकांत जू मंदिर, गोविंद देवी जी मंदिर, शाहजी मंदिर और श्री रंगनाथ मंदिर जो कि यहां का सबसे बड़ा मंदिर है।
Created On :   18 Aug 2022 4:40 PM IST