जाने कैसे की जाएगी खरना की पूजा, और क्या जरूरी सामग्री
डिजिटल डेस्क, बिहार। नहाय खाय से महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है आज 09 नवंबर को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है और छठ का दूसरा दिन है, आज के दिन को खरना कहा जाता है। बिहार, यूपी और झारखंड के लोग इस महापर्व को हर्षोल्लास से मनाते हैं। साल भर में यह सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। कल तीसरे दिन शाम को ढ़लते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर उनकी पूजा की जाएगी और चौथे दिन सुबह के समय उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इस महापर्व का समापन किया जाएगा।
जाने खरना की पूजा विधि?
आज छठ के दूसरे दिन खरना से 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा, आज शाम को महिलाएं पूजा करेंगी और इसके बाद से 36 घंटे के लिए निर्जला उपवास रखेंगी और सूर्य को अर्घ्य देंगी। आज के दिन महिलाएं सुबह स्नान करके पूजा करती हैं उसके बाद पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं। शाम के समय घी लगी रोटी, गूड़ की खीर, और फल से भगवान का भोग लगाया जाता है। भोग लगाने के बाद महिलाएं यह प्रसाद के तौर पर ग्रहन करती हैं और इसके बाद से उनका 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है। यह उपवास चौथे दिन सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होता है।
बता दे कि इस बार खरना के दिन से रसकेसरी और कई विशेष योग बन रहे हैं। ज्योतिष बता रहे है कि यह योग श्रद्धालुओं के लिए ढ़ेर सारी खुशियां लेकर आएंगे, यह समय लोगों के लिए काफी पुण्यदायी होगा। 10 नवंबर अगले दिन षष्ठी तिथि को महिलाएं नदी या तालाब में जाकर शाम के समय सूर्य को अर्घ्य देंगी। अर्घ्य देने के लिए महिलाएं एक दिन पहले से प्रसाद बनाने की तैयारी करने लगती हैं, प्रसाद में कई तरह के खास पकवान बनाएं जाते हैं और इस मौसम में मिलने वाले फलों का भी इस्तेमाल किया जाता है।
Created On :   9 Nov 2021 12:44 PM IST