ये है सालों से चली आ रही शस्त्र पूजा का रहस्य, वजह जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दशहरा असत्य पर सत्य की जीत का अनोखा उदाहरण है। सालों से दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन के महत्व को लोग आज से नहीं बल्कि सालों से जानते हैं, यही वजह है कि लोगों ने इस दिन को शुभ दिनों में सबसे श्रेष्ठ माना है। इस दिन को लेकर विभिन्न मान्यताए हैं। जिसमें से कई सारी प्राचीन समय से चलती आ रही हैं जैसे दशहरे पर शस्त्र पूजा। कहा जाता है कि दशहरा पर शस्त्र पूजा का विशेष महत्व है। लोग सालों से दशहरे पर शस्त्र पूजा करते आ रहे हैं। लेकिन यह शस्त्र पूजा आखिर क्यों होती है इसके पीछे के रहस्य को आज हम विस्तार से जानने वाले हैं।
इसलिए होती है शस्त्र पूजा
दशहरे पर भगवान राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी। वहीं दूसरी ओर मां दुर्गा ने भी महिषासुर को परास्त कर देवताओं और धरती पर रहने वाले लोगों को उसके आतंक से मुक्त किया था। हम सभी यह जानते हैं कि दशहरे के दिन हमारे भगवान ने बुराई का नाश कर सत्य की विजय का प्रमाण दिया था। इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्राचीन समय में क्षत्रियों ने अपने युद्ध लड़ने की तिथि दशहरा सुनिश्चित की। उन्हें यह यकीन था कि दशहरे पर शुरु हुआ युद्ध सत्य की विजय जरुर कराएगा।
कहा जाता है कि प्राचीन समय में क्षत्रिय पूरे साल दशहरा का इंतजार करते थे और शारदीय नवरात्रि के बाद वाली दशमी को वह शस्त्र पूजन कर युद्ध लड़ने के लिए रण भूमि में जाते थे। कहा जाता है कि दशहरा पर शुरु हुए युद्ध ने हमेशा सत्य की विजय कराई है। यही वजह है कि शस्त्र पूजा की परंपरा आज भी चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि इससे हमारे जीवन में भी सत्य के प्रकाश की लौ जलती है।
Created On :   15 Oct 2021 12:30 PM IST