अगहन मास में करें शंख के ये उपाय, मां लक्ष्मी की मिलेगी कृपा
डिजिटल डेस्क। हिंदू पंचांग का नौवां माह अगहन आज से शुरु हो गया है। इस महीने से ही सतयुग का आरंभ भी माना जाता है। मार्गशीर्ष मास में श्रद्धा और भक्ति से प्राप्त पुण्य के बल पर हमें सभी सुखों की प्राप्ति होती है। यह माह श्री कृष्ण का प्रिय बताया गया है, वही इस महीने में शंख की साधना करने से श्रीकृष्ण के साथ ही लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है।
विष्णु पुराण के अनुसार देवी महालक्ष्मी समुद्र की पुत्री हैं और शंख को लक्ष्मी का भाई माना गया है। इन्हीं कारणों से शंख की पूजा भक्तों को सभी सुख देने वाली गई है। यदि इस महीने में शंख से जुड़े कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो घर में सुख- शांति के साथ मां लक्ष्मी की कृपा अवश्य प्राप्त होती है। आइए जानते हैं इन विशेष उपायों के बारे में...
शंख से घर में शांति
माना जाता है कि इस माह में भगवान विष्णु की या उनके ही स्वरूप भगवान कृष्ण की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि यदि शंख का पूजन कर उसमें जल भरकर भगवान विष्णु को अर्पित किया जाए और उसी जल को पूरे घर में छिड़का जाए तो क्लेष, दोष, कलह का निवारण होता है और घर में शांति आती है। नया शंख खरीदकर भगवान के समीप रखकर उसका पूजन करने से भी विशेष पुण्य फल प्राप्त होते हैं।
करें ये 10 उपाय
1. अगहन मास में रोज तुलसी के साथ दक्षिणावर्ती शंख की भी पूजा करें। शुद्ध घ्ज्ञी का दीपक लगाएं।
2. भगवान विष्णु के मंदिर में शंख का दान करें, इससे भी धन संबंधित समस्याओं में लाभ होगा।
3. किसी पवित्र नदी में शंख प्रवाहित करें और माता लक्ष्मी से मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
4. एक सफेद कपड़े में सफेद शंख चावल व बताशे लपेटकर नदी में बहाएं। इससे शुक्र के दोष दूर होंगे।
5. अगहन मास में मोती शंख में साबूत चावल भरकर रखें, बाद में इसकी पोटली बनाएं और तिजोरी में रख लें।
6. अगहन मास में दक्षिणावर्ती शंख में दूध भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें।
7. जिस स्थान पर पीने का पानी रखते है वहां दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल भरकर रखें, इससे पितृदोष कम होगा।
8. पानी की टंकी में शंख रखें इससे घर में बरकत बढ़ती है और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
9. दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल व केसर मिलाकर माता लक्ष्मी का अभिषेक करें, तो धन लाभ होगा।
10. अपने पूजन स्थान पर दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना करें और रोज विधि-विधान से इसकी पूजा करें।
Created On :   13 Nov 2019 4:06 AM GMT