शिव चतुर्दशी व्रत पर ऐसे करें आराधना, जानें इस व्रत का महत्व
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की तिथि भगवान शिव को समर्पित मानी जाती है। शिव चतुर्दशी पर व्रत और आराधना से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। वैशाख माह में शिव चतुर्दशी व्रत इस बार आज शुक्रवार को मनाया जा रहा है। इस दिन शिव भक्त महादेव को प्रसन्न करने के लिए चतुर्दशी का व्रत करते हैं। इस दिन इस विशेष विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।
इस दिन व्रत को करने से व्यक्ति काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि के बंधन से मुक्त होता है। शिव चतुर्दशी व्रत में शिव के साथ माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय एवं शिवगणों की पूजा की जाती है। शिवलिंग पर जल और दूध से अभिषेक कराने के बाद बेलपत्र, समीपत्र, कुशा तथा दूब आदि से शिवजी को प्रसन्न करते हैं। अंत में भांग, धतूरा तथा श्रीफल भोलेनाथ को विशेष रुप से चढ़ाना चाहिए। शिव चतुर्दशी के दिन व्रती भक्तों को पूरा दिन निराहार रहकर व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए।
शिव चतुर्दशी व्रत के नियम :-
1- शिव चतुर्दशी का व्रत करने वाले लोगों को केवल एक समय भोजन करना चाहिए।
2- सुबह नित्यकर्म के बाद व्रत का संकल्प लेकर धूप, दीप पुष्प आदि से शिव जी की पूजा करें।
3- पूजा में भांग, धतूरा और बेलपत्र का खास महत्व है।
4- इस दिन जो भक्तजन पूरे श्रद्धाभाव से शिव चतुर्दशी का व्रत करते हैं उनके माता-पिता के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और वह जीवन के सम्पूर्ण सुखों का भोग करता है।
5- शिव चतुर्दशी का व्रत करने से से व्यक्ति दीर्घायु, ऐश्वर्य, आरोग्य, संतान एवं विद्या आदि प्राप्त कर अंत में वह शिवलोक को जाता है।
इस दिन मध्य रात्रि में करें इन मंत्रों का जाप :-
शंकराय नमसेतुभ्यं नमस्ते करवीरक
त्र्यम्बकाय नमस्तुभ्यं महेश्र्वरमत:
परमनमस्तेअस्तु महादेवस्थाणवे च ततछ परमूनमः
पशुपते नाथ नमस्ते शम्भवे नमः
नमस्ते परमानन्द नणः सोमार्धधारिणे नमो नम:
भीमाय चोग्राय त्वामहं शरणं गतः।।
Created On :   24 April 2019 5:31 PM IST