उपाय: मकर संक्रांति पर करें कोई एक उपाय, जीवन होगा सुखमय

मकर संक्रांति पर करें कोई एक उपाय, जीवन होगा सुखमय
  • संक्रांति पर स्नान-दान बड़ा महत्व है
  • संक्रांति पर सूर्य उपासना करा चाहिए
  • शनि को ठीक करने दान करना चाहिए

डिजिटल डेस्क, भोपाल। देशभर में हर साल मकर संक्रांति का पर्व धूम धाम से मनाया जाता है। वहीं हिन्दू धर्म के अनुसार, पूरे वर्ष में कुल 12 संक्रांतियां होती हैं, जिनमें मकर संक्रांति विशेष दर्जा मिला है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, पौष मास में जब सूर्य उत्तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है। इसे सूर्य और शनि के मिलन का दिन भी कहा जाता है।

ऐसी मान्यता है कि, इस दिन सूर्य की काले तिल के साथ उपासना करने से व्यक्ति को शनि दोष से राहत मिलती है। इसके अलावा ऐसे कई उपाय हैं जो इस दिन करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली परेशानियों से निजात दिलाते हैं। ऐसे में आप भी इस दिन कोई उपाय कर सकते हैं। जिससे आपके जीवन भी सुखमय हो जाएगा। आइए जाानते हैं इन उपायों के बारे में...

1. स्नान-दान करें

इस दिन स्नान दान का बड़ा महत्व है। इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करने जाएं। इसके बाद दान करें, ऐसा माना जाता है कि इस दिन दान-पुण्य करने से जीवन में ग्रहों से सम्बंधित किसी भी तरह के रोगों से निजात मिलती है।

2. सूर्य उपासना

मकर संक्रांति के दिन सूर्य को अर्घ्य देना, सूर्य के मंत्रों का जाप और सूर्य के रत्न रूबी को धारण करने से विशेष लाभ मिलता है और जीवन सुखमय होता है। इसके अलावा इस दिन लाल मिर्च, लाल चन्दन, घी, आटा, गुड़, काली मिर्च जरूर दान दें।

3. कुंडली में शनि ठीक करें

पेट समस्या, नसों की समस्या, चर्म रोग, वायु विकार और कर्ज की स्थिति होने पर शनि की स्थिति ठीक नहीं मानी गई है। इन समस्याओं से घिरे जातकों को काला तिल और सफ़ेद तिल और सरसों का तेल दान करना चाहिए।

4. चंद्रमा से संबंधित उपाय

चन्द्रमा की स्थिति ठीक ना होने पर सर्दी, कफ, खांसी, स्वांस रोग, मानसिक रोग, लकवा आदि रोग होने का भय रहता है। वहीं कई लोग इनसे ग्रसित भी होते हैं। ऐसे में जातकों को चावल, कपूर, घी, दूध, दही, सफ़ेद चन्दन का दान करना चाहिए।

5. अच्छी नौकरी पाने के लिए

नौकरी को लेकर कई लोगों के जीवन में समस्या रहती है। ऐसे जातक को मकर संक्रांति के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर आदित्यहृदयस्तोत्र के सात पाठ करना चाहिए। साथ ही केसर में गुलाबजल मिलाकर उसका तिलक करना चाहिए।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   13 Jan 2024 4:11 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story