Kark Sankranti 2024: कर्क संक्रांति कल, जानें शुभ मुहूर्त और सूर्यदेव की पूजा की सही विधि

कर्क संक्रांति कल, जानें शुभ मुहूर्त और सूर्यदेव की पूजा की सही विधि
  • 16 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी कर्क संक्रांति
  • मिथुन राशि से निकलकर कर्क में प्रवेश करेंगे सूर्य
  • सूर्य देव की पूजा से सभी रोगों का नाश होता है

डिजिटल डेस्क, भोपाल। संक्रांति का अर्थ है सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन। वैसे तो लगभग लोग मकर संक्रांति के बारे में जानते हैं। लेकिन, सूर्य पूरी 12 राशियों में परिवर्तन करते हैं। इन राशि के नाम के अनुसार, तिथि का नाम बदल जाता है। फिलहाल 16 जुलाई 2024 को सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करने वाले हैं। इस दिन को कर्क संक्रांति कहा जाता है।

ज्योतिष आचार्य के अनुसार, मंगलवार को सूर्यदेव मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। कर्क संक्रांति का धार्मिक महत्‍व बहुत खास माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि, कर्क संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करने से सभी कष्टों और रोगों का नाश होता है। आइए जानते हैं इस दिन का महत्व, मुहूर्त और पूजा विधि...

कर्क संक्रांति 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार, कर्क संक्रांति 16 जुलाई, मंगलवार को है। सूर्य सुबह 11 बजकर 29 मिनट पर मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। इस शुभ मुहूर्त में सूर्य देव की पूजा करने से विशेष लाभ होता है।

क्या है इस दिन का महत्व

कर्क संक्रांति श्रावण मास के आरंभ का प्रतीक माना जाता है। इस दिन उत्तरायण समाप्त होता है और दक्षिणायन शुरू होता है। इस दिन श्री विष्णु के साथ सूर्यदेव की आराधना करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अन्न और वस्त्र दान करना बहुत फलदायी होता है। यदि आप अपने पितरों दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करने के लिए पितृ तर्पण करना चाहते हैं तो य​ह दिन आपके लिए शुभ और मत्वपूर्ण है।

सूर्य पूजा विधि

- इस दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त हों।

- सूर्य देव को पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल अर्पित करें।

- जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें।

- जल में तिल, कुमकुम, गुड़हल का फूल जरूर मिलाएं।

- सूर्य को जल चढ़ाने के लिए कुश के आसन में ऊपर खड़े हों।

- सूर्य को अर्घ्य देते हुए सूर्य मंत्र 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:' का जाप करना चाहिए।

- इसके बाद उसी स्थान पर खड़े होकर तीन बार परिक्रमा करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   15 July 2024 4:32 PM IST

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