ज्येष्ठ अमावस्या: इस दिन मनाई जाती है शनि जयंती, जानें इस अमावस्या का महत्व और पूजा विधि के बारे में
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में ज्येष्ठ अमावास्या का विशेष महत्व माना गया है। यह अमावस्या इस वर्ष 19 मई शुक्रवार यानी कि आज देशभर में उत्साह के साथ मनाई जा रही है। यह अमावस्या दान- पुण्य और पितर दोष की शांति निवारण तथा दान व तर्पण हेतु के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। इसके अलावा ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है, जिस कारण से ज्येष्ठ अमावस्या का महत्तव और अधिक बढ़ जाता है।
हिन्दू ज्योतिष में शनि नवग्रहों में से एक हैं। आज के दिन शनि देव की जयंती धूमधाम से मनाई जाती है और उनकी पूरी विधि विधान से पूजा की जाती है। आइए जानते हैं, ज्येष्ठ अमावस्या पर स्नान-दान मुहूर्त और महत्व के बारे में...
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 2023
तिथि आरंभ: 18 मई 2023, गुरुवार रात 09 बजकर 42 मिनट से
तिथि समापन: 19 मई 2023, शुक्रवार रात 09 बजकर 22 मिनट तक
ज्येष्ठ अमावस्या व्रत और विधि
. इस दिन सुबह सूर्योदय के पूर्व उठें और स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें।
. संभव हो तो ज्येष्ठ अमावस्या के दिन नदी, जलाशय या कुंड में स्नान करें।
. इस दिन सूर्य देव को अर्ध्य देकर बहते जल में तिल प्रवाहित करना चाहिए।
. पितृ दोष व उनकी आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें।
. इस दिन शनि देव को कड़वा तेल, काले तिल, काले कपड़े और नीले पुष्प चढ़ाएं और शनि चालीसा का पाठ करें।
. जो महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखती हैं, उन्हें इस दिन यम देवता की पूजा अर्चना करना चाहिए।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   19 May 2023 3:32 PM IST