Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर बन रहे हैं ये शुभ संयोग, इस मुहूर्त में करें पूजा

हनुमान जयंती पर बन रहे हैं ये शुभ संयोग, इस मुहूर्त में करें पूजा
  • हनुमान जी का जन्म मंगलवार को हुआ था
  • मंगलवार का दिन बजरंग बली को समर्पित है
  • इस वर्ष हनुमान जयंती मंगलवार को है

डिजिटल डेस्क, भोपाल। चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) मनाई जाती है। यह हिंदुओं का एक खास पर्व है, जिसे सभी लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। हनुमान जी का जन्म मंगलवार को हुआ था, इसलिए मंगलवार का दिन बजरंग बली को समर्पित है। वहीं इस वर्ष हनुमान जयंती पर खास संयोग बना है, जब यह पर्व 22 अप्रैल 2024, मंगलवार को पड़ रहा है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस दिन हनुमान जयंती चित्रा नक्षत्र और वज्र योग का संयोग बनने जा रहा है।

हनुमान जयंती के दिन व्रत और पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। इस दिन देश भर में कई मंदिरों में अनुष्ठान करवाए जाते हैं और जगह-जगह भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। हनुमान जी को कलयुग में सबसे प्रभावशाली देवताओं में से एक माना जाता है। इनकी पूजा करने से भक्तों हर प्रकार के कष्टों से मुक्त होते हैं। तो आइए जानते हैं हनुमान जयंती का मुहूर्त, पूजा विधि, और महत्व के बारे में।

हनुमान जयंती तिथी

तिथी आरंभ: 23 अप्रैल 2024, मंगलवार तड़के 3 बजकर 25 मिनट से

तिथी समापन: 24 अप्रैल 2024, बुधवार को सुबह 5 बजकर 18 मिनट तक

उदयातिथि के अनुसार हनुमान जयंती 23 अप्रैल, मंगलवार को मनाई जाएगी

हनुमान जयंती पूजा मुहूर्तः

अभिजीत मुहूर्त: 23 अप्रैल सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक

चित्रा नक्षत्र: 22 अप्रैल रात 8 बजे से 23 अप्रैल रात 10 बजकर 32 मिनट तक

वज्र योग: 23 अप्रैल सुबह 4 बजकर 29 मिनट से 24 अप्रैल सुबह 4 बजकर 57 मिनट तक

हनुमान जयंती पूजा विधिः

- सबसे पहले ब्रम्हा मुहूर्त में उठकरि स्नानादि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करें।

- घर में पूजा स्थान अच्छे से साफ कर लें और हनुमार जी की प्रतिमा स्थापित करें।

- इसके बाद हनुमान जी का ध्यान करें और उनकी पूजा करें।

- हनुमान जी को लाल चंदन, अक्षत, मौली, फूल, धूप-दीप, वस्त्र, फल, पान आदि वस्तुएं अर्पित करें।

- अब हनुमान चालीसा और सुंदरकांड़ का पाठ करें।

- इसके बाद आरती करके पूजा संपन्न करें।

- पूजा के अंत में प्रार्थना करें और पूजा में हुई गलतियों की क्षमा मांगें।

- इसके बाद सभी को प्रसाद वितरित करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   22 April 2024 6:08 PM IST

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